भाजपा से ऊषा, सपा से केशा व निर्दल अर्चना सिंह ने भरा पर्चा
जिपं अध्यक्ष पद के लिए पंचायत सभागार में हुआ नामांकन छावनी में तब्दील रहा इलाका।
सुलतानपुर : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शनिवार को नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई। जिला पंचायत सभागार में निर्वाचन अधिकारी व डीएम रवीश गुप्ता के समक्ष तीन दावेदारों ने पर्चा दाखिल किया। भाजपा व सपा प्रत्याशी की ओर से दो-दो सेट व तीसरे उम्मीदवार की ओर से एक सेट नामांकन पत्र भरा गया।
निवर्तमान जिपं अध्यक्ष ऊषा सिंह ने भाजपा से दो सेट में नामांकन दाखिल किया। वह वार्ड नंबर 25 से जिपं सदस्य निर्वाचित हुई हैं। वार्ड 14 से सदस्य अजय कुमार उनके प्रस्तावक रहे। वार्ड 27 से सदस्य बने बद्रीनाथ अनुमोदक रहे। दूसरे सेट में बतौर प्रस्तावक वार्ड 41 से जिपं सदस्य अनीता व वार्ड 20 से जिपं सदस्य उदराज वर्मा अनुमोदक रहे। वार्ड 42 से पंचायत सदस्य पद पर निर्वाचित केशा यादव ने समाजवादी पार्टी की ओर से दो सेट में पर्चा दाखिल किया। एक सेट में वार्ड 43 से जिपं सदस्य लाल बहादुर यादव प्रस्तावक व वार्ड 33 से सदस्य बनी कमलेश अनुमोदक रहीं। दूसरे सेट में वार्ड 36 से जिपं सदस्य मंजू यादव प्रस्तावक व वार्ड 31 से पंचायत सदस्य उर्मिला अनुमोदक रहीं। वहीं, पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह की बहन अर्चना सिंह ने भी एक सेट में नाम निर्देशन पत्र निर्वाचन अधिकारी को दिया। वह वार्ड 24 से जिपं सदस्य हैं। उनके नाम का प्रस्ताव वार्ड 21 से जिपं सदस्य बने अजय कुमार ने किया है व वार्ड 23 से निर्वाचित सदस्य नंदकिशोर अनुमोदक रहे।
छावनी में तब्दील रहा जिपं परिसर व आसपास का इलाका :
नामांकन को लेकर कलेक्ट्रेट तिराहे से लेकर आजाद पार्क चौराहे तक का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील रहा। आजाद पार्क व कलेक्ट्रेट तिराहा, मौनी हनुमान मंदिर चौराहे पर बैरीकेडिग लगाकर आवागमन को रोक दिया गया था। इस परिक्षेत्र में अनुमन्य लोगों को ही आने-जाने की अनुमति थी। जिला पंचायत परिसर, मुख्य गेट व इसके सामने की सड़क पर शांति व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी अलग-अलग मजिस्ट्रेट व सीओ को सौंपी गई थी। एसडीएम सदर रामजी लाल, विधेश कुमार व राजेश कुमार सिंह व महेंद्र कुमार को दायित्व दिया गया था। सीओ राघवेंद्र द्विवेदी सहित अन्य पुलिस अधिकारी व्यवस्था का जायजा लेते। एएसपी विपुल कुमार श्रीवास्तव मातहतों को निर्देश देते नजर आए। नामांकन कक्ष में डीएम के साथ एडीएमएफआर उमाकांत त्रिपाठी, डीएफओ आनंदेश्वर प्रसाद आदि अफसर अपने दायित्व का निर्वहन करते रहे।
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