यूपी के इस जिले में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल, दो दरोगा और चार सिपाहियों पर गिरी गाज
उत्तर प्रदेश के एक जिले में पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें दो दरोगा और चार सिपाहियों पर लापरवाही के चलते कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद जांच में आरोप सही पाए जाने पर यह कदम उठाया गया। अन्य पुलिसकर्मियों को भी लापरवाही के प्रति चेतावनी दी गई है।

सुलतानपुर में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने कई क्षेत्राधिकारियों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के साथ ही दो दारोगा व चार सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, चांदा व मोतिगरपुर के थाना प्रभारी बदल दिए हैं। बल्दीराय के सीओ सौरभ सामंत को सीओ सिटी बनाया गया है। यहां तैनात रहे प्रशांत सिंह को गैर जिला के लिए रिलीव कर दिया गया है।
आशुतोष कुमार को सीओ बल्दीराय तथा उनके स्थान पर राम कृष्ण चतुर्वेदी को जयसिंहपुर का सीओ बनाया गया है। रमेश को लंभुआ की कमान सौंपी गई है।
चांदा के प्रभारी निरीक्षक अशोक सिंह को मोतिगरपुर तथा बंधुआकला में तैनात निरीक्षक अपराध दीपेंद्र विक्रम सिंह को चांदा थाने का प्रभारी बनाया गया है।
मोतिगरपुर में तैनात दारोगा भरत सिंह व संजय चौबे तथा चार कांस्टेबल आनंद सिंह, श्रीकांत, अजीम अहमद व मनीष कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
दिव्यांग व्यक्ति को जेल भेजने से जुड़ी है पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई
सुलतानपुर के मोतिगरपुर में सात सितंबर को बढ़ौनाडीह गांव के पांडेयबाबा बाजार निवासी दिव्यांग श्याम सुंदर अग्रहरि को पुलिस ने जेल भेजा था। परिवारजन के मुताबिक छह तारीख की आधी रात पुलिस उनको घर से लेकर गई थी। इसी मामले में परिवारजन हाईकोर्ट की शरण लिए थे। कोर्ट ने मामले की रिपोर्ट एसपी से तलब की थी।
चर्चा है कि इसी मामले को लेकर चार पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर करना पड़ा। हालांकि, एसपी कुंवर अनुपम सिंह इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कार्रवाई कर्तव्यों में लापरवाही बरतने पर की गई है। बताते चलें कि जिस मामले में दिव्यांग को जेल भेजा गया था, मुकदमा पंजीकृत कराने वाले अरविंद अग्रहरि श्याम सुंदर के बेटे के साले हैं।
श्याम सुंदर के बहू की करीब चार महीने पहले ही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, जिसमें श्याम सुंदर व उनके दो भाइयों पर मुकदमा लिखा गया था। विवेचना में दो भाई निर्दोष पाए गए, वहीं श्याम सुंदर अभी भी उस मामले में नामजद हैं।
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