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    पहले हाक, किरण अब सुखोई में उड़ान भर रहे सूर्यप्रताप

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 17 Nov 2021 11:42 PM (IST)

    शहर से तकरीबन सात किमी दूर दूबेपुर विकास खंड में उतुरी गांव है। वहां के स्व. बलराम सिंह राणा प्रताप पीजी कालेज के संस्थापक प्राचार्य रहे व राष्ट्रीय स ...और पढ़ें

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    पहले हाक, किरण अब सुखोई में उड़ान भर रहे सूर्यप्रताप

    सुलतानपुर : सूर्यप्रताप सिंह की बहादुरी पर जिलेवासियों को गर्व है। मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के एयर स्ट्रिप पर सुखोई-30 को उड़ाते हुए इस फ्लाइट लेफ्टीनेंट न जो कलाबाजियां दिखाईं, उस पर आज जनपद के नागिरक फूले नहीं समा रहे हैं, कोई उसे अपना बेटा कह रहा है तो कोई क्षेत्र का गौरव, कोई पड़ोसी बता रहा है, तो कोई उन्हें राष्ट्र का हीरा।

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    शहर से तकरीबन सात किमी दूर दूबेपुर विकास खंड में उतुरी गांव है। वहां के स्व. बलराम सिंह राणा प्रताप पीजी कालेज के संस्थापक प्राचार्य रहे व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिलाध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। इस नाते परिवार में भारतीय संस्कृति व राष्ट्रवाद की भावना कूट-कूटकर भरी है। जब सूर्यप्रताप का जन्म उस घर में हुआ तो किसी को पता नहीं था कि 22 साल बाद यह बच्चा अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित कर देगा। एक वक्त वह भी आएगा जब वायुसेना का लड़ाकू विमान उड़ाते हुए अपनी मातृभूमि पर ही लोगों को कलाबाजियां दिखाएगा और उस दौरान लाखों लोगों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, एयर मार्शल सहित सब इसके साक्षी बनेंगे। स्टेला मारिस कान्वेंट स्कूल से हाईस्कूल परीक्षा पास करने के बाद सूर्य का कदम कहीं रुका नहीं। गाजियाबाद से इंटर व प्रयागराज से इंजीनियरिग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह एक जनवरी 2017 को वायुसेना में भर्ती हो गए। उन्होंने पहले हाक उड़ान में ट्रेनिग ली फिर किरण स्क्वाड्रन से जुड़े। किरण को भी उड़ाया अब सुखोई-30 के जरिए देश की सीमा की निगरानी कर रहे हैं। पिता ध्रुवेंद्र सिंह चंडीगढ़ में पावर ग्रिड में डीजीएम के पद पर हैं। वह भी अपने बच्चे की तारीफ सुन गदगद हैं। तीन बहने हैं, बहने वंदना, प्रतिमा व अनुपमा। वह कहती हैं कि इतने फोन आ रहे हैं कि लोग बस यही कहते हैं कि आज हमने सूर्य भइया की उड़ान देखी। सूर्य का चचेरा भाई भी एयरफोर्स में है, लोग इस नवजवान को देश की रक्षा करने के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं।