सुलतानपुर में ऋषिकेश सिंह हत्याकांड में 17 साल बाद तीन आरोपित दोषी करार, साक्ष्य के अभाव में एक बरी
सुलतानपुर में 17 साल पहले हुए ऋषिकेश सिंह हत्याकांड में अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी पाया है। सबूतों की कमी के कारण एक आरोपी को बरी कर दिया गया। यह मामला 2007 का है, और अब दोषियों को सजा का इंतजार है। अदालत के इस फैसले से पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
-1760432984806.webp)
17 साल बाद ऋषिकेश सिंह हत्याकांड के तीन आरोपित दोषी करार।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। ऋषिकेश सिंह हत्याकांड के मामले में 17 साल बाद मंगलवार को कोर्ट ने निर्णय सुनाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय के न्यायाधीश राकेश ने तीन आरोपितों को दोषी करार देते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है। दोषियों को कोर्ट बुधवार को सजा सुनाएगी। कोर्ट ने एक आरोपित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
कोतवाली नगर के नयानगर सिरवारा रोड निवासी एमजीएस इंटर कालेज के पूर्व प्रिंसिपल गोरखनाथ सिंह के भतीजे ऋषिकेश सिंह (23) की नौ फरवरी 2008 को तलवार,तमंचा, लोहे के राड, हाकी, डंडा व क्रिकेट के वैट से मारकर हत्या कर दी गई थी।
मृतक के बड़े भाई राकेश सिंह ने शहर के लोलेपुर निवासी इरफान उर्फ जानी, आजाद, बाबुल व नयानगर सिरवारा रोड निवासी सौरभ मिश्र और दो किशोर के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
केस की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी क्रिमिनल संजय सिंह व वादी मुकदमा के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने घटना को साबित करने के लिए 10 गवाहों को पेश किया।
कोर्ट ने आरोपित इरफान उर्फ जानी, बाबुल व सौरभ मिश्र को दोषी मानते हुए जेल भेजने का आदेश दिया है। आरोपित आजाद साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। मामले में दो किशोर के केस की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।