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    सुलतानपुर में रेलवे बिजली उपकेंद्र की 100 केवीए बढ़ी क्षमता, दूर होगा लोगों का संकट

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 04:04 PM (IST)

    सुलतानपुर में रेलवे बिजली उपकेंद्र की क्षमता 100 केवीए बढ़ाई गई है, जिससे बिजली आपूर्ति सुधरेगी। इस वृद्धि से उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी और बिजली कटौती कम होगी। क्षेत्र में विकास कार्यों को भी गति मिलने की संभावना है। यह कदम स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है।

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    रेलवे बिजली उपकेंद्र की 100 केवीए बढ़ी क्षमता।

    संवाद सूत्र, सुलतानपुर। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने रेलवे के बिजली उपकेंद्र की 100 केवीए क्षमता बढ़ाई है। अब इसकी क्षमता 200 केवीए हो गई है। मंजूरी मिलने के बाद ट्रांसफार्मर लगाने के साथ ही लाइन खींचने का कार्य शुरू हो गया है। रेलवे के इलेक्ट्रिकल विभाग ने 16 लाख 64 हजार 426 रुपये का एस्टीमेट बनाकर भेजा था।

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    अब पश्चिमी कालोनी में निवास करने वाले रेलकर्मियों और उनके परिवारजन को निर्बाध बिजली देने की तैयारी चल रही है। इस पहल से रेलवे बिजली उपकेंद्र का लोड कम होने से उपभोक्ताओं का बिजली संकट दूर होगा।

    लोड अधिक पड़ने से आए दिन आती थी फाल्ट

    उपकेंद्र पर लोड अधिक पड़ने से गर्मी के दिनों आए दिन फाल्ट की समस्या आने से रेलकर्मियों को लगातार दो-दो दिन तक बिजली नहीं मिल सकी थी। इससे गुस्साए रेलकर्मियों ने उपकेंद्र का घेराव का विरोध प्रदर्शन किया था। तब इलेक्ट्रिकल विभाग के तत्कालीन सीनियर इंजीनियर एससी द्विवेदी ने इस समस्या के निदान के लिए एस्टीमेट बनाकर प्रस्ताव भेजा था।

    निर्माण कार्य शुरू होने से तीन हजार से अधिक रेलकर्मियों और परिवारजन को अब सुचारु रूप से बिजली मिलने की उम्मीद जगी है।

    रेलकर्मी बोले-मिलेगी राहत

    रेलकर्मी रईश अहमद, मिथिलेश पांडेय, ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे कालोनी से लेकर स्टेशन तक इसी उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति की जाती है। लोड बढ़ने से आए दिन ट्रांसफार्मर के फुंकने और केबल बाक्स दगने से समस्या आती थी, अब इससे छुटकारा मिल जाएगा।

    चल रहा है काम

    वरिष्ठ खंड अभियंता अनवर अली ने बताया कि ट्रांसफार्मर लगाने के बाद उपकेंद्र से लाइन जोड़ने का कार्य चल रहा है। जल्द ही रेलकर्मियों का बिजली संकट दूर होगा।

    साउथ फीडर से जुड़े गांवों को नहीं मिल रही बिजली

    साउथ फीडर के उपभोक्ताओं को 18 घंटे के बिजली रोस्टर में 12 घंटे भी बिजली मिलना मुश्किल हो गया है। इस फीडर से जुड़े गांवों में अक्सर लो वोल्टेज की भी समस्या रहती है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

    आरडीह निवासी देवानंद पांडेय, राममिलन, उदय शंकर ने बताया कि सुबह- शाम अक्सर बिजली गुल रहती है। इससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है।

    लाखीपुर निवासी सर्वजीत, बैजापुर के गणेश्वर चौबे, भाईं निवासी संदीप अग्रहरि, सराय के राम मिलन, अंकारीपुर के राकेश कुमार, छरौली के रमेश कुमार ने बताया कि इन गांवों में रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल रही है। कटौती की भरपाई भी नहीं होती है।

    जांच कराकर होगी कार्रवाई

    अधिशासी अभियंता अश्वनी कुमार वर्मा ने बताया कि सभी उपखंड अधिकारियों और अवर अभियंताओं को रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। इसकी जांच कराकर संबंधित से जवाब-तलब कर कार्रवाई की जाएगी।