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    यूपी के इस ज‍िले में महंगी हुईं संपत्तियां, बेचने और खरीदने के लिए तय की गईं 10 श्रेणियां; सर्किल रेट को समझना हुआ आसान

    सुलतानपुर में प्रशासन ने संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए 10 श्रेणियां तय की हैं जिनमें नगरीय अर्ध-नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। सबसे महंगी भूमि घोसियाना जैसे मुहल्लों में है जबकि सबसे सस्ती अमहट में। अर्ध-नगरीय क्षेत्रों में कुछ हिस्से शहरीकृत हैं तो कुछ ग्रामीण। नई श्रेणियों में खैराबाद जैसे इलाके शामिल हैं। कीमतों के निर्धारण में सावधानी बरती गई है।

    By sanjay tiwari Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 07 Jul 2025 06:20 PM (IST)
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    संपत्तियों को बेचने व खरीदने के लिए प्रशासन ने निर्धारित की हैं 10 श्रेणियां।

    संजय तिवारी, सुलतानपुर। संपत्तियों को बेचने व खरीदने के लिए प्रशासन ने 10 श्रेणियां निर्धारित की हैं। चार नगरीय, दो अर्ध नगरीय व चार श्रेणियां ग्रामीण क्षेत्र की तय की गई हैं। अर्ध नगरीय में वे इलाके लिए गए हैं, जो नगर व ग्रामीण क्षेत्र सम्मिलित हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि इसके माध्यम से कई विसंगतियों को दूर कर सर्किल रेट को समझना आसान किया गया है। समान मूल्यों की भूमि वाले मुहल्लों व गांवों को एक क्लब में रखा गया है। इससे कोई भी व्यक्ति संपत्ति की खरीद व बिक्री के समय सहजता से उसके मूल्य को जान सकता है। साथ ही लगने वाले स्टांप की जानकारी भी उसे हो सकती है।

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    नगरीय क्षेत्र में घोसियाना, छावनी सदर, जमालगेट, ठठेरी बाजार, दरियापुर, पल्टन बाजार दरियापुर, पारकींसगंज, पुरानी बाजार सिविल लाइंस व शाहगंज मुहल्ले की संपत्ति सबसे अधिक महंगी है। इनकी अकृषिक भूमि का मूल्य 13 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर रखा गया है। पिछले वर्ष रेट 12 हजार 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर था। प्रशासन ने औसतन 19.5 प्रतिशत दाम बढ़ा दिया है, जबकि अमहट, अलहदादपुर, पयागीपुर, लक्ष्मणपुर सौरमऊ मुहल्ले में सबसे सस्ती भूमि लोगों को मिलेगी। यहां सात हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर भूमि उपलब्ध होगी।

    ये मोहल्ले हैं अर्ध नगरीय

    घरहाकला, घरहाखुर्द, नरायनपुर, अमहट, अलहदादपुर, सौरमऊ काे अर्ध नगरीय श्रेणी में रखा गया है। अलहदादपुर, अमहट, सौरमऊ सहित कई मुहल्लों को नगरीय व अर्ध नगरीय दोनों श्रेणी में रखने का लेकर सहायक महानिरीक्षक पंजीकरण धर्मेन्द्र चौधरी कहते हैं कि इनके कुछ हिस्सों का शहरीकरण हो गया है। कुछ हिस्सों की स्थिति अभी ग्रामीण जैसी है। इसलिए, यहां पर भूमि का मूल्य छह हजार 500 रुपये प्रति वर्ग मीटर रखा गया है। वहीं, कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जो नगर पालिका में तो नहीं हैं, लेकिन नगरीय सीमा में आ गए हैं। वहां का रेट छह हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है, जिसमें अहिमाने, कस्बा सुलतानपुर, निजाम पट्टी, लोलेपुर, वल्लीपुर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।

    इन्हें रखा गया नवीन श्रेणी में

    खैराबाद, नवीपुर, बढ़ैयावीर, रुद्रनगर, राइननगर, लाल डिग्गी व शास्त्री नगर को नवीन श्रेणी(द्वितीय श्रेणी) में रखा गया है। यहां के संपत्तियों की कीमत 10000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई है। यानि पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत महंगी हुई हैं। जबकि, करौंदिया, विवेकनगर, निराला नगर को तृतीय श्रेणी में रखा गया है, जहां पर क्रेता को 7500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से स्टांप लगाना पड़ेगा।

    संपत्तियों के मूल्य निर्धारण में पूरी सावधानी बरती गई है। इस संबंध में शासन के निर्देश के क्रम में वार्डों से आपत्तियों व सुझावों को मांगा गया था। उसमें सम्मिलित किए जाने योग्य सुझावों व आपत्तियों को शामिल कर एक तार्किक सर्किल रेट तैयार किया गया है। मुहल्लों को विभिन्न श्रेणियों में विभक्त कर उसके हिसाब से संपत्तियों का निर्धारण किया गया है।- एस. सुधाकरन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व