पड़ताल: 108 सफाईकर्मी कहां हो गए गायब? यूपी के इस जिले में जगह-जगह लग गए कूड़े के ढेर
सुलतानपुर जिले के धनपतगंज ब्लॉक में 108 सफाईकर्मियों की तैनाती के बाद भी गांवों में गंदगी का आलम है। सफाईकर्मी काम पर नहीं आते जिससे नालियां और गलियां ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, धनपतगंज (सुलतानपुर)। ब्लाक की 66 ग्राम पंचायतों में 108 सफाईकर्मियों की तैनाती है। मोटी पगार के पाने के बावजूद ये कर्मी गांव में जाते ही नहीं हैं। हालात यह हैं कि कई पंचायतों में महीनों से झाड़ू तक नहीं लगी। नालियां बजबजा रही हैं।
गांव की गलियां, स्कूल परिसर, बाजार और सरकारी संस्थानों के आसपास कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति न केवल जनस्वास्थ्य के लिए खतरनाक है बल्कि, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। दैनिक जागरण की पड़ताल में यह सच्चाई सामने आई। प्रस्तुत है \Bज्ञान पांडेय \Bकी रिपोर्ट..
ग्रामीण करते श्रमदान, गुरुजी सफाई करवाते
लोहंगी, समरथपुर, पियरो सरैया, चंदौर, केवटली, देहली बाजार और मायंग जैसी बड़ी ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां एक भी सफाईकर्मी तैनात नहीं किया गया है। यहां स्थानीय लोग ही श्रमदान करते हैं। वहीं, स्कूलों में अध्यापक अपने स्तर से सफाई की व्यवस्था कर रहे हैं।
लोहंगी गांव के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापक मंजू ने बताया कि विद्यालय की सफाई के लिए 1500 प्रतिमाह अपने पास से देती हैं। शौचालय साफ करने के लिए अलग से कर्मी बुलाना पड़ता है। इसके लिए कई बार अफसरों को पत्र लिखा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। ऐसा तब है जबकि यह विद्यालय ब्लाक के सामने है।
पंचायत कार्यालय के बगल डंप होता है कूड़ा
ब्लाक मुख्यालय के ठीक बगल में पंचायत कार्यालय है। यहीं से पूरे विकासखंड में सफाई व्यवस्था का संचालन होता है, लेकिन इसके बगल में ही कूड़ा डंप रहता है, जिससे गंदगी और दुर्गंध लगातार फैली रहती है। अधिकारी अपने ही कार्यालय के आसपास की सफाई नहीं करवा पा रहे हैं, तो दूर-दराज की पंचायतों की सुध कौन लेगा, यह बड़ा सवाल है।
कनेहटी ग्राम पंचायत में पंचायत निधि से एक पक्का कूड़ाघर बनवाया गया। इसके बाद भी कूड़ा बाहर ही फेंका जा रहा है। आसपास की आबादी को इस गंदगी से बदबू और मच्छरों की परेशानी झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने कई बार सफाई कर्मी भेजने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
धनपतगंज बाजार में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था नहीं
धनपतगंज बाजार क्षेत्र में तीन राष्ट्रीयकृत बैंक, एक ग्रामीण बैंक, एक निजी बैंक, आंगनबाड़ी केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे महत्वपूर्ण संस्थान हैं। हजारों लोगों का रोज यहां आना-जाना होता है, लेकिन यहां न तो कोई कूड़ा घर है और न ही नियमित सफाई की व्यवस्था। बाजार की गलियों और सड़कों के किनारे जगह-जगह कूड़ा बिखरा रहता है, जिससे संक्रमण और बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।
बोले ग्रामीण, अधिकारी निजी हित साध देते छूट, तय हो जवाबदेही
संतोष कुमार , इंद्र कुमार, विराट, विजय, चंद्र प्रकाश, परमजीत, लवकुश, राम विशाल ने कहा कि 108 सफाईकर्मी नियुक्त हैं। इन्हें सरकार से अच्छा खासा वेतन मिल रहा है। अधिकारी इनसे निजी हित साधकर कार्य न करने की छूट दे देते हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों की जवाबदेही तय कर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।
एडीओ को नजर नहीं आ रही सच्चाई, अलाप रहे राग
एडीओ पंचायत राधेश्याम कुशवाहा का कहना है कि जहां कहीं भी सफाई व्यवस्था में गड़बड़ी या लापरवाही पाई गई, वहां संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब इन्हें कौन बताए कि ब्लाक के सामने ही दुर्दशा उन्हें नजर नहीं आ रही है। इसकी जांच व कार्रवाई कौन करेगा।

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