पहली बार इस बात पर SDM को किया गया निलंबित, उपजिलाधिकारी ने कहा- शासन को जल्द दिया जाएगा जवाब
सुलतानपुर के जयसिंहपुर में घूसखोरी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसडीएम संतोष ओझा को निलंबित कर दिया गया। मोतिगरपुर में भूमि विवाद के स्थगन आदेश के लिए पेशकार ने तीस हजार रिश्वत मांगी थी। आरोप है कि रिश्वत एसडीएम के नाम पर ली गई थी। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मानते हुए उच्चाधिकारी पर कार्रवाई के आदेश दिए।
संवाद सूत्र, जयसिंहपुर (सुलतानपुर)। पेशकार घूसखोरी प्रकरण में आखिरकार अधिकारी की भी जवाबदेही तय की गई। मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लिया तो एसडीएम संतोष ओझा को निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई शासन स्तर से की गई। इसकी पुष्टि अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने की है।
भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति के तहत शासन के सख्त रुख से प्रशासन में खलबली मची है। यह पहला मामला है, जब मातहत के घूस लेने पर उच्चाधिकारी पर भी कार्रवाई की गाज गिरी। इससे पहले बल्दीराय व सदर तहसील में लेखपालों को घूसखोरी में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन किसी अधिकारी की जवाबदेही तय नहीं हुई थी।
क्या है मामला?
मोतिगरपुर के पारसपट्टी निवासी सगे भाइयों मो. नसीरुद्दीन व अलाउद्दीन के बीच जमीन बंटवारे के लिए दायर मुकदमे को उपजिलाधिकारी संतोष ओझा ने स्वीकृति नहीं दी थी। आरोप है कि एसडीएम के सामने फाइल पेश किए बगैर कंप्यूटर पर आनलाइन कर पेशकार समरजीत पाल ने स्थगन आदेश के लिए अलाउद्दीन के पुत्र अली इदरीसी से 30 हजार रुपये की मांग की थी।
पांच हजार रुपये अग्रिम धनराशि मांगी। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस के अयोध्या स्थित भ्रष्टाचार निवारण संगठन कार्यालय में की। दो दिसंबर की सुबह एंटीकरप्शन टीम के इंचार्ज अनिल सिंह टीम के साथ जयसिंहपुर तहसील पहुंचे। इस बीच पेशकार समरजीत पाल के हाथ में वादी मुकदमा अली इदरीसी ने पांच हजार रुपये दिए। जैसे ही उसने रुपये लिए, सादे पोशाक में मौजूद टीम के सदस्यों ने पकड़ लिया।
उपजिलाधिकारी ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र
इसके बाद उपजिलाधिकारी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पेशकार को निलंबित करने की संस्तुति कर दी थी। जानकार बताते हैं कि घूस एसडीएम के नाम पर ली गई थी। आदेश भी उन्हीं के नाम से जारी किया गया था। इसे बीते दिनों आनलाइन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया था।
साथ ही जिम्मेदार अधिकारी पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में शासन ने उपजिलाधिकारी को निलंबित करते हुए उनसे जवाब मांगा है। निलंबन के बाबत पूछने पर उपजिलाधिकारी संतोष ओझा ने बताया की शासन को जल्द जवाब दिया जाएगा।
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