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    वाराणसी में बिजली चोरों से निपटने के लिए स्‍थापित किया थाना, एक दारोगा के जिम्‍मे 3200 मुकदमा

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 10 Jul 2021 03:22 PM (IST)

    शासन ने बिजली चोरों पर शिकंजा कसने के लिए सितंबर 2019 में भेलूपुर में बिजली थाना स्थापित किया। लगभग 23 महीने के दौरान यहां बिजली चोरी के कुल 32 सौ मुकदमे दर्ज किए गए। स्टाफ का टोटा होने के कारण मामलों के निस्तारण की गति बेहद धीमी है।

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    शासन ने बिजली चोरों पर शिकंजा कसने के लिए सितंबर 2019 में भेलूपुर में बिजली थाना स्थापित किया।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। शासन ने बिजली चोरों पर शिकंजा कसने के लिए सितंबर 2019 में भेलूपुर में बिजली थाना स्थापित किया। लगभग 23 महीने के दौरान यहां बिजली चोरी के कुल 32 सौ मुकदमे दर्ज किए गए। स्टाफ का टोटा होने के कारण मामलों के निस्तारण की गति बेहद धीमी है। फिलहाल अब तक लगभग 750 मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट लगाकर मामला निस्तारित कर दिया गया है। जिस उद्देश्य के लिए इस थाने की स्थापना हुई उसकी पूर्ति में स्टाफ की कमी अब रोड़ा बनकर खड़ी है। 

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    सहूलियतें मिली पर निजात नहीं : बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है इस थाने के खुलने से सहूलियत तो मिली लेकिन निजात नहीं। पहले कहीं चेकिंग के लिए जाने पर पुलिस फोर्स के लिए पत्राचार करना पड़ता था। कई बार पुलिस की अनुपलब्धता के कारण चेकिंग नहीं हो पाती थी। पहले थानों पर एफआइआर दर्ज कराने में तमाम समस्याएं होती थी। अब अलग बिजली थाना बनने से यहां केवल बिजली के ही मामले दर्ज किए जाते हैं। इसके साथ ही शमन शुल्क जमा करने पर यहां मामले निस्तारित भी किए जाते हैं।

     

    स्टाफ की कमी से होती है यह समस्या

    - मुकदमा दर्ज होने के बाद विवेचना, चार्जशीट लगाना, शमन शुल्क वसूलने में समस्या होती है।

    - स्टाफ की कमी चेकिंग में अवरोध का कारण बनता है।

    इस तरह के आते हैं मामले

    - मीटर से पहले केबल काटकर बिजली चोरी करना

    - बिना कनेक्शन के बिजली का उपभोग करना

    - बकाए पर कनेक्शन काटने के बाद भी लाइन जोड़ लेना

    - सिंचाई करने के लिए चोरी की बिजली से मोटर पंप चलाना

    - घरेलू कनेक्शन का व्यवसायिक रूप में प्रयोग करना।

    - एक कनेक्शन से दो घरों में बिजली जलाना

    आंकड़े

    2019 सितंबर में बिजली थाने की स्थापना हुई

    32 सौ मुकदमें दर्ज हुए लगभग दो वर्षों में

    02 हजार बिजली चोरी के मुकदमे गत वर्ष हुए दर्ज

    805 मुकदमें इस वर्ष अब तक किए गए दर्ज

    750 मुकदमों का अब तक हो चुका है निस्तारण

    2019 में बिजली थाना स्थापित होने से पूर्व करीब 400 मुकदमें किए गए थे दर्ज

    24 फीसद मामलों का ही दो वर्षों में हो सका निस्तारण

    40 फीसद कर्मचारियों की है कमी

    पद सृजित पद की संख्या तैनात

    थाना प्रभारी 1 1

    उपनिरीक्षक 5 1

    मुख्य आरक्षी 9 13

    आरक्षी 9 0

    नोट:- (मुख्य आरक्षी के सृजित पदों की संख्या 9 है। पूर्व में यहां चार आरक्षी तैनात थे, जो प्रोन्नत होकर यहीं पर मुख्य आरक्षी बन गए हैं।)

    बोले अअधिकारी : बिजली चोरी के मामले में मुकदमा दर्ज होने पर उपभोक्ता को काफी समय दिया जाता है। जिससे कि निर्धारित पेनाल्टी जमा कराया जा सके। इसके बाद जिन मामलों में पेनाल्टी जमा नहीं हो पाता है तब उनके खिलाफ चार्जशीट लगाकर कोर्ट में भेज दिया जाता है। 40 फीसद कर्मचारियों की कमी से चेकिंग, विवेचना, शमन शुल्क वसूलने में समस्या तो होती ही है। इसके साथ ही दिनों-दिन काम का बोझ भी बढ़ता जाता है। - संजय राय, थाना प्रभारी बिजली।