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    PM Vishavkarma Scheme : पीएम विश्वकर्मा योजना का खुल गया लॉगिन, आ चुके तीन हजार से अधिक आवेदन

    Updated: Sat, 10 Feb 2024 06:27 PM (IST)

    अब तक 3052 आवेदन आनलाइन किए जा चुके हैं। अभी इसके लिए कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। इसलिए प्रार्थनापत्र देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि अधिकतर लोगों को योजना का लाभ मिल सके। इसके बाद उन सभी का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यह कार्य तीन स्तर पर किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों का प्रथम स्तर पर सत्यापन पंचायत सचिव करेंगे।

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    PM Vishavkarma Scheme : पीएम विश्वकर्मा योजना का खुल गया लॉगिन, आ चुके तीन हजार से अधिक आवेदन

    जासं, सुलतानपुर : पायलट प्रोजेक्ट में शामिल जनपदों के अतिरिक्त अब प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रदेश के सभी जिलों में शुरू हो गई है। योजना में 18 ट्रेड सम्मिलित हैं। संबंधित पोर्टल की लागिन खुल जाने के बाद परंपरागत शिल्पियों व कारीगरों के आवेदन आने लगे हैं।

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    अब तक 3052 आवेदन आनलाइन किए जा चुके हैं। अभी इसके लिए कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। इसलिए प्रार्थनापत्र देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि अधिकतर लोगों को योजना का लाभ मिल सके। इसके बाद उन सभी का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यह कार्य तीन स्तर पर किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों का प्रथम स्तर पर सत्यापन पंचायत सचिव करेंगे। इसके लिए ग्राम पंचायतों की आइडी भी बनने लगी है।

    979 ग्राम पंचायतों में से अब तक 515 में आइडी बनाने का काम पूरा हो चुका है। शहरी क्षेत्रों के लाभार्थियों का सत्यापन नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी करेंगे। सत्यापन की प्रक्रिया तीन स्तरों पर होगी। द्वितीय सत्र पर जिला क्रियान्वयन समिति द्वारा सत्यापन किया जाएगा। तीसरे स्तर पर केंद्र द्वारा राज्य स्तर पर बनाई गई समिति करेगी।

    दिया जाएगा प्रशिक्षण

    पीएम विश्वकर्मा योजना पहले कौशांबी, प्रतापगढ़, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, जौनपुर व गाजीपुर में पायलट प्रोजेक्ट में शुरू की गई थी। वहां परंपरागत कारीगरों का उत्साह देखकर अब सभी सभी जिलाें में शुरू कर दी गई।

    इस योजना में शामिल मोची, कुम्हार, सोनार, राजमिस्त्री, मूर्तिकार, लोहार, नाव निर्माता, नाई, दर्जी, मछली का जाल बनाने वाले, धाेबी, मालाकार, गुड़िया व खिलौना के निर्माता, डलिया, चटाई व झाड़ू बनाने वाले, ताला निर्माता आदि के कौशल को निखारने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वह सभी अपने व्यवसाय काे स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें।

    चयनित लाभार्थियों को पांच दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह दायित्व व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास मिशन पर होगा। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को टूल किट क्रय करने के लिए 15 हजार रुपये का ई-बाउचर दिया जाएगा।

    मिलेगा लोन

    प्रशिक्षित लाभार्थियों को व्यवसाय करने के लिए जिला उद्योग विभाग की ओर से लोन की भी व्यवस्था की जाएगी। यह लोन पांच प्रतिशत ब्याज पर बिना गारंटी के मिलेगा।

    आवेदन के लिए जरूरी का कागजात

    आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, फाेटो, बैंक पास बुक, राशन कार्ड न हाेने पर परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड आवेदन पत्र के साथ लगाना होगा।

    उपायुक्त उद्योग अनूप श्रीवास्तव कहते हैं कि अपने व्यवसाय की स्थापना के लिए परंपरागत कारीगरों को पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अधिकतम लोगों को इसका लाभ दिलाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्य है।