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    सुलतानपुर में साफ हुई तस्वीर, अब जोर पकड़ेगी चुनावी जंग; मेनका गांधी के सामने मुकाबले में आठ चेहरे

    नामांकन का दौर खत्म होने के साथ ही यहां चुनावी महासमर के योद्धाओं की तस्वीर स्पष्ट हो गई है। इसी के साथ ही चुनावी जंग अब जोर पकड़ेगी। भाजपा सपा और बसपा समेत कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि गुरुवार को नाम वापसी का दिन है। यदि किसी ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया तो यह संख्या बरकरार रहेगी।

    By Ajay Kumar Singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 09 May 2024 11:52 AM (IST)
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    सुलतानपुर में साफ हुई तस्वीर, अब जोर पकड़ेगी चुनावी जंग; मेनका गांधी के सामने मुकाबले में आठ चेहरे

    अजय सिंह, सुलतानपुर। नामांकन का दौर खत्म होने के साथ ही यहां चुनावी महासमर के योद्धाओं की तस्वीर स्पष्ट हो गई है। इसी के साथ ही चुनावी जंग अब जोर पकड़ेगी। भाजपा, सपा और बसपा समेत कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। हालांकि, गुरुवार को नाम वापसी का दिन है। यदि किसी ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया तो यह संख्या बरकरार रहेगी।

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    सुलतानपुर सीट के लिए 26 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, जिसमें 17 के पर्चे खारिज हो चुके हैं। इस चुनाव की सबसे खास बात यह है कि वर्तमान सांसद के सामने सपा-बसपा के नए चेहरे हैं। वे अपना कितना असर मतदाताओं पर छोड़ पाएंगे, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। वहीं, मुख्य मुकाबले में कौन रहेगा, यह भी अब तक स्पष्ट नहीं है। प्रतिद्वंदी दलों को अभी इसी के लिए पूरा जोर लोग लगाना होगा।

    भाजपा ने मेनका गांधी पर लगाया दांव

    भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद मेनका गांधी को एक बार फिर इस सीट पर मौका दिया है। वहीं, आइएनडीआइए गठबंधन समर्थित सपा प्रत्याशी गोरखपुर निवासी पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद और बसपा से जिले के ही उदराज वर्मा चुनाव मैदान में उतरे हैं।

    लगातार दो चुनाव जीतने वाली भाजपा इस बार हैट-ट्रिक लगाने की जुगत में है। वह सांसद और सरकार के कामकाज, बड़े चेहरे और सबके विकास के मुद्दे को लेकर चुनावी समर में है। पार्टी नेता दोनों दलों पर यह कहकर हमलावर हैं कि ये जातिगत और धर्म आधारित राजनीति करते हैं।

    बूथ स्तर तक पार्टी की चुनावी तैयारी और सांसद की जिले में सक्रियता को भी वह चुनाव में मजबूती मान रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष डा. आरए वर्मा कहते हैं कि किसान सम्मान निधि हो या आवास, पेंशन अथवा उज्ज्वला गैस योजना, सभी जाति-वर्ग के लोगों को फायदा मिला है। सरकार के सुशासन और अपराधियों, माफिया के विरुद्ध कार्रवाई से सुरक्षा का जो माहौल बना है, उससे इस चुनाव में पिछली बार से अधिक लाभ मिलेगा।

    सपा-बसपा में टिकट को लेकर द्वंद्व चलता रहा। किसी खास जाति-वर्ग के वोट से यह चुनाव नहीं जीता जा सकता है। अगड़े-पिछड़े, दलित और मुस्लिम भी भाजपा के साथ हैं।

    सांसद मेनका गांधी खुद की जीत के प्रति आश्वस्त होने के साथ यह कह कह रही हैं कि इस बार जीत का अंतर बढ़ाना है।

    वहीं, बसपा जिलाध्यक्ष सुरेश का कहना है कि हमारी पार्टी ने ही स्थानीय प्रत्याशी दिया है, बाकी दोनों दलों के बाहरी हैं। इसका लाभ इस चुनाव में हमें मिलेगा। सभी जातियों का समर्थन हमें मिल रहा है। बसपा प्रत्याशी उदराज वर्मा भी यही बात दोहराते हैं।

    सपा के प्रवक्ता व पूर्व विधायक अनूप संडा कहते हैं कि भाजपा सरकार में महंगाई, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी से हर कोई त्रस्त है। आम जनता की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। आइएनडीआइए गठबंधन का लाभ भी मिलेगा। इस कारण हमारी स्थिति इस चुनाव में मजबूत है।

    पार्टी प्रत्याशी रामभुआल निषाद कहते हैं कि सरकार के प्रति जनता में आक्रोश है, इसका फायदा जरूर मिलेगा।

    हालांकि, इन दावों से इतर वोटर किसके साथ हैं, इसका फैसला तो मतगणना के बाद हो सकेगा, लेकिन यह तय है कि भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी से सीधे मुकाबले में सपा होगी या बसपा, अब तक यह भी स्पष्ट नहीं है। पिछले चुनाव में दोनों साथ थीं तो भाजपा को कड़ी टक्कर मिली थी, इस बार इनकी राहें जुदा हैं। चुनाव के पुराने आंकड़े भी भाजपा की मजबूती की गवाही देते हैं।

    2019 का चुनाव परिणाम

    मेनका गांधी-भाजपा-विजेता4,58,281

    चंद्रभद्र सिंह-बसपा-4,44,422

    डा. संजय सिंह-कांग्रेस-41,588

    2014 का चुनाव परिणाम

    वरुण गांधी-4,10,348

    पवन पांडेय-बसपा-2,31,446

    शकील अहमद-सपा-228144

    अमीता सिंह-कांग्रेस-41983

    38 सुलतानपुर लोकसभा

    कुल मतदाता -1834355

    पुरुष मतदाता-954358

    महिला मतदाता-879932

    युवा मतदाता-852179

    नव मतदाता-23699

    थर्ड जेंडर-65

    बूथ-1991

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