व्यवसायिक भवनों में नहीं कागजों पर बने पार्किग स्थल
शहर का हृदय स्थल कहा जाने वाला चौक इलाका हो या बस स्टेशन शाहगंज चौराहा पंचरास्ता जीएन रोड डाकखाना चौराहे के आसपास की व्यस्ततम बाजार हो या फिर नगर पालिका क्षेत्र के बाहरी हिस्से करौंदिया लक्ष्मणपुर लोहरामऊ रोड राहुल चौराहा गोलाघाट पयागीपुर का क्षेत्र हर जगह व्यवसायिक काम्प्लेक्स की भरमार है।

सुलतानपुर : छोटे से शहर में बड़ी-बड़ी बहुमंजिला इमारतें, माल व शापिग काम्प्लेक्स की भरमार है। खरीदारों के वाहन भी बेशुमार हैं, लेकिन यहां कागजों में तो पार्किंग स्थल बन गए हैं, लेकिन भवनों के बेसमेंट में खुलेआम व्यवसाय चल रहा है। विनियमित क्षेत्र ने सभी व्यवसायिक भवनों के भूतल को वाहन स्टैंड बनाने की शर्त पर नक्शे पास किए हैं, लेकिन कोई कानून का पालन कराने वाला नहीं है। यही वजह है कि सड़क पर खड़े वाहनों से रोजाना लोग जाम से जूझते हैं।
शहर का हृदय स्थल कहा जाने वाला चौक इलाका हो या बस स्टेशन, शाहगंज चौराहा, पंचरास्ता, जीएन रोड, डाकखाना चौराहे के आसपास की व्यस्ततम बाजार हो या फिर नगर पालिका क्षेत्र के बाहरी हिस्से करौंदिया, लक्ष्मणपुर, लोहरामऊ रोड, राहुल चौराहा, गोलाघाट, पयागीपुर का क्षेत्र हर जगह व्यवसायिक काम्प्लेक्स की भरमार है। इन तीन-चार मंजिला वाले भवनों का या तो निर्माण अवैध तरीके से किया गया है या फिर विनियमित क्षेत्र ने इसी आधार पर मानचित्र स्वीकृत किया है कि व्यवसायिक काम्प्लेक्स का बेसमेंट वाला हिस्सा वाहनों के पार्किंग के लिए आरक्षित रहेगा, लेकिन कहीं भी कानून का पालन होता नहीं दिख रहा है। हर जगह भवनों के भूतल में धड़ल्ले से व्यवसाय चल रहा है। शहर के बीचोबीच तो कपड़े, रेडीमेड परिधान, प्रसाधन के सामान, जूता-चप्पल आदि की बाजारें सज गई हैं। अचरज तो इस बात से होता है कि बेसमेंट की इन अवैध दुकानों को बिजली विभाग, टेलीफोन, अग्निशमन, कर महकमा बिना अनापत्ति प्रमाण पत्रों की जांच किए बिना लाइसेंस जारी करता जा रहा है। इसी वजह से जो खरीदारी करने जाते हैं उनके दो पहिया, चार पहिया वाहन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं, मार्ग जाम तो लगता ही है, पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। ऐसा नहीं कि इसे कोई देखता नहीं, सभी महकमों के अफसर व उनके परिजन भी इन्हीं रास्तों से गुजरते हैं, लेकिन कोई भी कानून का पालन कराने में रुचि नहीं दिखाता।
अवर अभियंता विनियमित क्षेत्र दीन दयाल पांडेय ने बताया कि नियमों की अनदेखी कर किए गए निर्माण पर विभाग कार्रवाई करता है। समय-समय पर निर्माण के दौरान निरीक्षण भी किया जाता है। कुछ भवन स्वामियों को नोटिस भी भेजी गई है।

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