अब बेजुबानों के इलाज को पहुंचेगी एंबुलेंस
जिले को मिलेंगी सात पशु एंबुलेंस 1962 टोल फ्री नंबर पर करना होगा फोन

हरीराम गुप्ता, सुलतानपुर: बीमार मवेशियों का इलाज अब एक फोन काल पर संभव हो सकेगा। इसके लिए पशु एंबुलेंस सेवा शुरू की जा रही है। शासन की तरफ से जारी 1962 टोल फ्री नंबर पर फोन करते ही पशु चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन व सहायकों से लैस टीम एंबुलेंस लेकर पहुंचेगी। वाहन में ही जांच और इलाज की सुविधा होगी।
चिकित्सकों व संसाधनों की कमी के चलते पशुओं का इलाज समय पर संभव नहीं हो पाता है। निजी चिकित्सकों से महंगा इलाज न करा पाने के कारण काफी संख्या में मवेशियों की मौत भी हो जाती है। वहीं, सड़क हादसे में घायल बेजुबान भी दम तोड़ देते हैं।
पिछले दिनों शासन की तरफ से डायल 102 व डायल 108 की तरह ही मवेशियों के इलाज के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू करने की पहल की गई। प्रति एक लाख मवेशियों पर एक मोबाइल चिकित्सीय सेवा का विस्तार किए जाने की सहमति बनी।
जनपद को मिलेंगी सात एंबुलेंस:
वर्तमान में कुल 6,78,491 मवेशी हैं। इसमें 3,69,706 गोवंश, 3,78,785 महिष वंशीय हैं। आश्रय स्थलों में भी 438 व 728 बेसहारा मवेशियों की सूची बनाई गई है।
जिले के लिए सात एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएंगी। इसमें एक वेटनरी चिकित्सक, एक सहायक, लैब टेक्नीशियन, एक फार्मासिस्ट व एक चालक की मौजूदगी रहेगी। दवाओं की किट व उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे। मवेशियों के खून, मूत्र व मल की जांच के लिए एंबुलेंस में ही लैब की भी सुविधा रहेगी। यह सेवा 24 घंटे जारी रहेगी। मौके पर उच्च चिकित्सीय सेवा की जरूरत महसूस होने पर सीनियर वेटनरी चिकित्सक को बुलाया जाएगा।
जीवीके द्वारा किया जाएगा संचालन:
डायल 102 व 108 की तरह के लिए इस एंबुलेंस का भी संचालन जीवीकेईएमआरआइ कंपनी द्वारा ही कराया जाएगा। डायल 108 के क्षेत्रीय प्रबंधक सुमित प्रताप सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से इसके लिए टोल फ्री नंबर 1962 जारी किया गया है। इस नंबर पर पशुपालक फोन कर सेवा का निश्शुल्क लाभ उठा सकते हैं। जल्द ही एंबुलेंस जिले में पहुंच जाएंगी।
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