Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लम्भुआ विधानसभा सीट ने सभी दलों को दिया मौका

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 14 Jan 2022 10:54 PM (IST)

    1985 के बाद कांग्रेस का नहीं खुला खाता 1957 में कादीपुर से अलग हुई यह सीट 1978 में नाम बदलकर हुआ था चांदा 2009 में फिर बदला नाम अब तक सिर्फ एक बार चुन ...और पढ़ें

    Hero Image
    लम्भुआ विधानसभा सीट ने सभी दलों को दिया मौका

    विवेक बरनवाल, लम्भुआ, सुलतानपुर: लम्भुआ का मुख्य क्षेत्र कादीपुर विधानसभा में समाहित रहा। 1957 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट वजूद में आई। इसमें जौनपुर जिले व कादीपुर विधानसभा क्षेत्र के भी कई गांव समाहित किए गए। इस सीट पर पहली बार कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी को जीत मिली। 1978 में इस सीट का नाम बदलकर चांदा हुआ, 2009 में फिर लम्भुआ हो गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1962 में कांग्रेस ने उमा दत्त को टिकट दिया तो मतदाताओं ने उन्हें विजयश्री दिला दी। 1967 में मतदाताओं ने दोबारा उन्हें मौका दिया। 1969 में यह सीट जनसंघ ने कांग्रेस से छीन ली। उदय प्रताप सिंह विधायक चुने गए।

    वहीं, 1974 में जनसंघ ने सिगरामऊ राजघराने से जुड़े कुंवर श्रीपाल सिंह को प्रत्याशी बनाया। मतदाताओं ने उन्हें भी सिर-आंखों पर बैठाया। तीन साल बाद 1977 में जनता पार्टी से उदय प्रताप सिंह फिर मैदान में थे। दोबारा वह निर्वाचित हुए। 1980 में कांग्रेस प्रत्याशी राम सिंह विधायक चुने गए। 1985 में कांग्रेस ने इस सीट पर शिव नारायण मिश्र को प्रत्याशी बनाया तो वह भी जीत दर्ज कराने में कामयाब रहे। वही इस पार्टी से अंतिम विधायक रहे। 1989 में जनता दल से चुनाव लड़े अशोक पांडेय विधायक चुने गए तो 1991 में शाहपुर देवाढ़ के अरुण सिंह को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और वे चुनाव जीते।

    1993 में पहली बार मुस्लिम विधायक की जीत:

    1993 में पहली बार कोई मुस्लिम विधायक चुना गया। सफदर रजा इस सीट से निर्वाचित हुए। 1997 में भाजपा प्रत्याशी अरुण सिंह ने यह सीट फिर से पार्टी की झोली में डाल दी। 2002 में भदैंया निवासी अनिल पांडेय ने समाजवादी पार्टी से जीत हासिल कर सबको चौंकाया। 2007 में विनोद सिंह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विजयी हुए। वह प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनाए गए। 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर पूर्व विधायक अनिल पांडेय के अनुज संतोष विधायक चुने गए। वहीं, 2017 में भाजपा के देवमणि द्विवेदी ने जीत का परचम फहराया।