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    गोमती कॉरिडोर के लिए स्वीकृति हुई धनराशि, लाइटों से जगमग होगा घाट; पर्यटक होंगे आकर्षित

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 02:25 PM (IST)

    सुल्तानपुर के सीताकुंड घाट पर गोमती कॉरिडोर बनेगा जिसके लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान राम ने यहां विश्राम किया था। पर्यटन सुविधाओं के विकास से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी और स्थानीय कारोबार को भी फायदा होगा। बिजेथुआ महावीरन को रामायण सर्किट में शामिल किया गया है जिससे अयोध्या से कानपुर तक के पौराणिक स्थल जुड़ जाएंगे।

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    गोमती कॉरिडोर बनने से जगमग होगा घाट। जागरण फोटो

    अजय सिंह, सुलतानपुर। शहर के उत्तरी किनारे से प्रवाहमान आदि गंगा गोमती के पावन तट पर स्थित है सीताकुंड घाट। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह वह पवित्र स्थल है, जहां वन गमन के समय प्रभु श्रीराम माता सीता व अनुज लक्ष्मण के साथ रुके थे। माता ने यहीं अपने केश धोए थे।

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    प्रमुख पर्वाें पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान-ध्यान करने आते हैं। इसके बावजूद यहां सरकारी सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। इस स्थल की महत्ता को देखते हुए पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक विनोद सिंह ने विकास का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई।

    इसके तहत दो करोड़ रुपये स्वीकृत हो गए हैं, जिससे गोमती कॉरिडोर बनाए जाने की शुरुआत होगी। साथ ही घाट को आकर्षक लाइटों से सजाया जाएगा। इसकी पुष्टि प्रभारी पर्यटन अधिकारी धीरेंद्र यादव ने की है।

    उन्होंने बताया कि उप निदेशक सूचना, अयोध्या ने राजकीय निर्माण निगम की अयोध्या इकाई के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर कार्य की रूपरेखा प्रस्तुत करने को कहा है।

    अयोध्या-प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालु होंगे आकर्षित

    यह स्थल राम वन गमन (अयोध्या-चित्रकूट) मार्ग से सटा है। यहां देवी-देवताओं के कई प्राचीन मंदिर हैं। दीपावली, दशहरा, छठ और अन्य खास पर्वों पर श्रद्धालु उमड़ते हैं। वर्तमान में चित्रकूट, प्रयागराज, काशी व अयोध्या आवागमन करने वाले अधिकतर दर्शनार्थी बाईपास का उपयोग कर रहे हैं।

    सीताकुंड स्थित नागेश्वरनाथ मंदिर के महंत विश्वनाथ गिरि कहते हैं कि यदि इस स्थल पर पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी तो बाहरी श्रद्धालुओं का आकर्षण बढ़ेगा। वे यहां आएंगे तो स्थानीय स्तर पर कारोबार-रोजगार को विस्तार मिलेगा।

    श्रद्धालु सीताकुंड व जिले में स्थित पौराणिक स्थलों बिजेथुआ महावीरन, धोपाप, दुर्गादेवी मंदिर लोहरामऊ व राम जानकारी मंदिर दियरा के बारे में भी जान सकेंगे। ये स्थल एक दिन के पर्यटन टूर का बेहतर पैकेज होंगे। कॉरिडोर बन जाने से शहरवासियों को एक रमणीय स्थल मिल जाएगा।

    रामायण सर्किट में शामिल है बिजेथुआ महावीरन

    हनुमत आराधना का केंद्र बिजेथुआ महावीरन प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी रामायण सर्किट योजना में शामिल हो गया है। यहां पर गलियारा विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मौके पर सरकारी भूमि नहीं है। इस कारण किसानों की भूमि अधिग्रहीत करने के लिए प्रशासन ने प्रस्ताव तैयार लिया है।

    इसे जल्द ही शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। गलियारा विकसित होन से अयोध्या से कानपुर के बिठूर तक पौराणिक स्थल एक चेन में जुड़ जाएंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसकी पुष्टि प्रभारी जिला पर्यटन अधिकारी ने की है।