सुलतानपुर में ई-रिक्शा चालकों की मनमानी, दिन में 15 तो रात में 100 रुपये की कर रहे वसूली
सुलतानपुर में ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमानी वसूली की जा रही है। दिन में 15 रुपये और रात में 100 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। इस अवैध वसूली से चालकों में ...और पढ़ें

दिन में 15 तो रात में 100 रुपये वसूली करते हैं ई-रिक्शा चालक।
संवाद सूत्र, लंभुआ (सुलतानपुर)। 27 वर्ष पहले 1997 में नगर पंचायत को तहसील का दर्जा मिला तब से लेकर आज तक कितनी सरकारे आयीं गयी बावजूद इसके नगर पंचायत को एक अदद फेयर बस स्टाप की सुविधा तक मयस्सर नहीं हो सकी। रोडवेज की बसें सीधा बाइपास डकाही से बेदूपारा होते हुए आगे निकल जाती है। मजबूरी में लोगों को बाईपास जाना पड़ता है। ई-रिक्शा चालक दिन में 15 रुपये तो रात में 100 रुपये वसूली करते हैं।
रात के समय बाईपास पर उतरने वाले यात्रियों को छिनैती का खतरा बना रहता है सो अलग से। जबकि लंभुआ तहसील मुख्यालय होने के बावजूद कस्बे में बस नहीं आती, वहीं इसके इतर चांदा व कोइरीपुर कस्बे में रोडवेज बसें जाती हैं।
कस्बे के सत्यप्रकाश बरनवाल कहते हैं कि बहुत पहले परिवहन निगम की बसें कस्बे में रुकती थीं, लेकिन अब फोरलेन से सीधे निकल जाती हैं। अशोक कुमार कहते हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी रात में जाड़े के मौसम में होती है जब निगम की बसें बाईपास पर ही उतार कर चली जाती हैं।
उस समय हमलोगों को परिवार लेकर तीन किलोमीटर पैदल चलकर आना जाना पड़ता है। राहुल कहते हैं कि समस्या को लेकर यहां के जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक उदासीन हैं फोरलेन के चालू हो जाने से दिक्कत बढ गयी है।
फेयर बस स्टाप के लिए मैंने परिवहन मंत्री को पत्र लिखा है। व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें समस्या से अवगत भी कराया है। उन्होंने शीघ्र कस्बे में बसों के ठहराव का आश्वासन दिया है। निगम के उच्चाधिकारियों को भी कस्बे से होकर ही बसों के आवागमन का आदेश दिया है जल्द समास्या का समाधान हो जाएगा। -सीताराम वर्मा, विधायक, लंभुआ।

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