अतिक्रमण बना नासूर, चौराहों पर आवागमन मुश्किल
पंच रास्ता से गभड़िया पहुंचने में हांफ जाते हैं राहगीर

सुलतानपुर: अतिक्रमण शहर के लिए नासूर बन गया है। हर सड़क, बाजार के साथ अब चौराहे भी इसकी जकड़न में हैं। फुटपाथ तक फैली दुकानों का दायरा चौराहों की ओर रुख कर रहा है। बेलगाम अतिक्रमण से चौराहे जाम में घिरे रहते हैं। लोग परेशान होते हैं। अतिक्रमणकारी मस्त हैं। वहीं, जिम्मेदार बेफिक्र हो इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
शहर को लखनऊ रोड से जोड़ने वाला पंच रास्ता नाका अतिक्रमण की चपेट में है। दिन ब दिन सड़क और चौराहों पर दुकानों का दायरा बढ़ रहा है। हालात यह हैं कि अब यहां रेलवे ओवर ब्रिज बन जाने के बाद भी पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। कई प्रमुख बाजारों और चौक से जुड़े इस पंच रास्ता से मुसाफिरखाना, अमेठी, धम्मौर तक से खरीदार आते हैं। स्थानीय निवासियों की आवाजाही का दबाव रहता है। ऐसे में सड़क पर अतिक्रमण आवागमन की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहा है।
निदान के नहीं हो रहे उपाय:
सड़क पर बढ़ते अतिक्रमण के निदान का उपाय बीते कई वर्ष में न किए जाने के चलते अब हालात भयावह हो रहे हैं। आदर्शनगर, दरियापुर, ठठेरी बाजार, दुर्गा मार्केट को जोड़ने वाले पंच रास्ता के स्वरूप में बीते एक दशक में भारी बदलाव हुआ है। यहां ब्रिज के नीचे कांप्लेक्स बन गए हैं। पार्किंग नहीं है। वाहन सड़क पर खड़े किए जाते हैं। स्थाई दुकानदारों का सड़क तक फैलाव है। इसके निदान के लिए नगर पालिका, प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं किया जा रहा है।
दोषारोपण में उलझे जिम्मेदार
अतिक्रमण हटाने के जिम्मेदार एक दूसरे पर दोषारोपण में उलझे हैं। नपाप प्रशासन, पुलिस का सहयोग न मिलने की शिकायत तक सिमटा है। वहीं, प्रशासन नगर पालिका की ओर से अभियान के लिए पहल न करने की बात कहता है। परिणाम यह है कि सड़क पर जाम की स्थिति बनती है। कब्जेदारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। खामियाजा राहगीर भुगतते हैं।
वर्जन:::
प्रशासन व पुलिस के सहयोग के लिए नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं। मदद मिलने के बाद अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
-बबिता जायसवाल, अध्यक्ष नगर पालिका
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