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    चुनावी मुद्दा: ..फिर भी पर्यटन के मानचित्र पर नहीं आ सका दियरा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 30 Jan 2022 10:51 PM (IST)

    लंका विजय के बाद गोमती तट पर सीता संग प्रभु श्रीराम ने किया था स्नान मंदिरों की श्रृंखला होने के बावजूद उपेक्षित पड़े घाट हर चुनाव में उठता है पर्यटन स ...और पढ़ें

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    चुनावी मुद्दा: ..फिर भी पर्यटन के मानचित्र पर नहीं आ सका दियरा

    अश्वनी सिंह, सुलतानपुर: रामनगरी अयोध्या और दियरा घाट का करीबी रिश्ता रहा है। कहते हैं कि प्रभु श्रीराम ने लंका विजय के उपरांत इसी घाट पर मां जानकी संग स्नान किया था। दीपदान कर पहली दीपावली यहीं पर मनाई थी। यहां मंदिरों की श्रृंखला इस बात की गवाह है। इसका जिक्र गजेटियर में भी मिलता है। लाखों श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र होने के बावजूद अब तक यह धर्म स्थल पर्यटन के मानचित्र पर नहीं आ सका। स्वास्थ्य, सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं भी यहां के लोगों को मयस्सर नहीं हैं। जब भी चुनाव आता है विकास के वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद भी बिसार दिए जाते हैं।

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    श्रीराम की अगवानी को आए थे अयोध्यावासी:

    जिला गजेटियर और इतिहास की किताबों में जिक्र है कि लंका विजय के बाद जब भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ लौट रहे थे, अयोध्यावासी उनकी अगवानी के लिए यहां तक आए थे। गोमती नदी के किनारे यहीं पर प्रभु ने अयोध्या के लोगों संग दीपदान किया था। तभी से यह स्थान दियरा कहा जाने लगा। हरिशयन में किया था रात्रि विश्राम

    मान्यताओं के अनुसार, दियरा के पड़ोसी गांव हरिशयन (अब हरशायन नागापुर) में प्रभु श्रीराम ने दीपदान के बाद रात्रि विश्राम किया था। इसी के कारण इस गांव का नाम हरिशयनी पड़ा था। यहां पर प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर है, जिसकी मरम्मत स्थानीय लोग मिलजुलकर कराते हैं। गोमती तट पर विशाल धर्मशाला अब भी मरम्मत की प्रतीक्षा में है। माननीयों की अनदेखी इस पवित्र स्थल के विकास पर भारी पड़ रही है।

    बोले नागरिक

    दियरा बाजार में कुछ वर्ष पूर्व रास्ता बनवाया गया था। बनने के बाद ही टूट गया है, बाजारवासी जर्जर रास्तों से चलने को मजबूर हैं। इस तरह से समस्याओं से घिरे दियरा में बाहर से कौन आना चाहेगा।

    -मुहम्मद आमिन ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल दियरा का चंहुमुखी विकास होना चाहिए था, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया।

    -गुलाबचंद्र जायसवाल दियरा घाट स्थित धर्मशाला, मंदिर की मरम्मत हो जाती तो यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती। जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

    -अजीत जायसवाल पौराणिक स्थल दियरा का विकास अन्य धार्मिक स्थलों की तरह होना चाहिए, लेकिन चुनाव के बाद यह मुद्दा नेताओं की फाइलों से गायब हो जाता है।

    -दिनेश प्रताप सिंह दियरा में बना अस्पताल काफी पुराना व जर्जर है, जिसकी मरम्मत तक वर्षो से नहीं हुई। कर्मचारी भी नियमित रूप से नहीं आते हैं, जिससे यहां के लोगों को समस्या होती है।

    -मोहित गुप्ता