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    सुलतानपुर में डेंगू के प्रकोप से लोगों में दहशत, मरीजों के लिए बनाए गए विशेष वार्ड

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 03:43 PM (IST)

    सुलतानपुर में डेंगू के बढ़ते मामलों से लोगों में डर का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के लिए विशेष वार्ड बनाए हैं और जागरूकता अभियान चला रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे किया जा रहा है और मच्छरों को रोकने के लिए फॉगिंग की जा रही है। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।

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    डेंगू के मरीजों की बढ़ रही संख्या।

    संवाद सूत्र, सुलतानपुर। डेंगू पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब यह 116 तक पहुंच गई है। इनमें दूबेपुर से सर्वाधिक 29 मरीज हैं। कुड़वार से 11, नगर क्षेत्र नौ, अखंडनगर आठ, धनपतगंज, कूरेभार तथा भदैंया छह-छह, कादीपुर, जयसिंहपुर व लंभुआ पांच-पांच, दोस्तपुर चार, बल्दीराय व पीपी कमैचा तीन-तीन, करौंदीकला दो तथा मोतिगरपुर का एक केस शामिल है। 10 केस अज्ञात हैं।

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    वहीं, मलेरिया के पांच, चिकनगुनिया के दो तथा जेई व एईएस के एक-एक केस अब तक मिले हैं। मेडिकल कॉलेज में डेंगू पीड़ितों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं, लेकिन अभी किसी मरीज काे भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।

    मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक एवं इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. समीर सुमन ने बताया कि उन्होंने रविवार को कई बुखार पीड़ितों को दवाएं लिखीं। इनमें निरालानगर के राजेश, गोलाघाट के श्याम बिहारी, पयागीपुर के विमल समेत कई अन्य मरीज शामिल रहे। चिकित्सक के अनुसार दोपहर दो बजे तक उन्होंने 20 से अधिक बुखार पीड़ितों को दवाएं लिखीं। कुछ मरीजों को रक्त नमूने की जांच के लिए भी लिखा।

    उन्होंने बताया कि इस समय डेंगू का विशेष खतरा है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, दाने, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, उल्टी, रक्तस्राव, कमजोरी, भूख न लगना, थकान जैसी समस्याएं प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षणों वाले मरीजों की कार्ड विधि से जांच की जाती है। पॉजिटिव मरीजों को जरूरत पड़ने पर भर्ती किया जाता है।

    इसके बाद इनके रक्त नमूने को एलाइजा जांच के लिए करौंदिया स्थित बीएसएल-टू (बायो सेफ्टी लेबल- टू) भेजा जाता है। एलाइजा जांच में पुष्टि होने पर ही डेंगू पीड़ित माना जाता है।

    मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए टायर, गमले, कूलर समेत अन्य स्थानों पर पानी नहीं ठहरने देना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाएं। वहीं, जिला मलेरिया अधिकारी बंशीलाल ने कहा कि जहां डेंगू या मलेरिया के केस मिल रहे हैं, उनके इर्द-गिर्द के 50 घरों के आसपास फागिंग कराई जा रही है।