अव्यवस्थाओं से घिरा बिजेथुआ महावीरन धाम
सुलतानपुर : बिजेथुआ महावीरन जिले ही नहीं वरन प्रदेश के पौराणिक धार्मिक स्थलों में अपना एक विशेष महत्
सुलतानपुर : बिजेथुआ महावीरन जिले ही नहीं वरन प्रदेश के पौराणिक धार्मिक स्थलों में अपना एक विशेष महत्व रखती है, किंतु न तो शासन स्तर पर नही स्थानीय स्तर पर बिजेथुआ के विकास के लिए बहुत कुछ हो पाया है। कुछ जिम्मेदार अधिकारी आते हैं कुछ करते हैं तो उनके जाने के बाद उतनी ही रफ्तार से उस बनाए गए व्यवस्था को लोग बिगाड़ भी देते हैं। नाली सड़क, कूड़ा, पेयजल व्यवस्था, यात्री सुविधा, यातायात सुरक्षा, सभी व्यवस्था राम भरोसे है। जबकि प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को हजारों श्रद्धालु बजरंगबली का दर्शन करने यहां आते हैं। उन्हें कदम-कदम पर समस्याओं से जूझना पड़ता है। जागरण ने रविवार को परिसर का हालचाल लिया। प्रस्तुत है रिपोर्ट.
लाखों खर्च के बाद भी नहीं बुझी प्यास
लाखों की लागत से निर्मित स्वजलधारा के अंतर्गत बनायी गयी टंकी बेकार खड़ी है। टोटियों से हवा निकलती है। कईयों मे तो नल भी नहीं है। नल है तो दिखाने के लिये पाइप से कनेक्शन ही नहीं है। आधा दर्जन से ज्यादा नलों के स्टैंड बेकार पड़े हैं कोई सुध लेने वाला नहीं है। जिसका अंदाजा चित्र देखकर लगाया जा सकता है।
जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
बिजेथुआ मे जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। कूड़े के निस्तारण की भी कोई व्यवस्था नहीं है। लाखों की भीड़ सप्ताह मे आती है जिन्हें इन्हीं गंदगी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। हद तो तब हो जाती है जब प्राइमरी स्कूल के अगल-बगल कूडे़ के ढेर लगा दिए जाते हैं। बच्चे बदबू के बीच शिक्षा ग्रहण करने के लिए बाध्य होते हैं। जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता है सो अलग से, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं ।
ट्यूबवेल है, पर चलता नहीं
पेयजल के संकट को दूर करने के लिए कुछ जगह ट्यूबवेल की बोरिंग है, लेकिन कहीं बिजली के अभाव में कहीं रखरखाव के चलते नलकूप भी बेकार पड़े हैं। परिणाम स्वरूप न तो टंकी में पानी पहुंचता है और न ही सरोवर में ।
विद्यालय के बीच मे लगा है ट्रांसफॉर्मर
बिजली विभाग और शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा कभी उन बच्चों को भुगतना पडे़गा जो इन खतरों से अंजान है। विद्यालय के बीच मे रखा ट्रांसफॉर्मर और गुजरता हाईटेंशन तार कभी भी बड़ी दुर्घटना कर सकता है ।
किस काम के शौचालय ?
विजेथुआ में दर्जनों की संख्या में शौचालय है, लेकिन उपयोग मे कितना है यह सब जानते हैं। स्वच्छ भारत का अभियान बिजेथुआ मे चलाया नही जा रहा या फिर फेल हो गया इसका उत्तर देने वाला भी कोई नहीं है। सबसे अधिक समस्या तो महिलाओं के लिए है, लेकिन किसी जिम्मेदार की सेहत पर कोई फर्क नही पड़ता ।
अतिक्रमण की भरमार
सूरापुर चौराहे से लेकर विजेथुआ महावीरन धाम तक अतिक्रमण की भरमार है। चहुं ओर अतिक्रमण का बोलबाला है। चौराहे पर ही दुकानदारों ने सड़क की दोनों पटरियों पर कब्जा कर रख है। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
बोले एसडीएम
विजेथुआ धाम में व्याप्त समस्याओं के बाबत एसडीएम मोतीलाल ¨सह का कहना है कि उनके स्तर पर जो भी समस्याएं हैं। उन्हें जल्द दूर कराया जाएगा। संबंधित मकहमे को भी पत्र लिखा जा रहा है। जल्द ही धाम का कायाकल्प होगा।
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