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    सुलतानपुर में 15 हजार मनरेगा मजदूरों ने कराई ई-केवाईसी, इन डॉक्यूमेंट से कराएं रजिस्ट्रेशन

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 04:39 PM (IST)

    सुलतानपुर जिले में मनरेगा के अंतर्गत 15 हजार श्रमिकों ने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की। इस प्रक्रिया में आधार कार्ड, जॉब कार्ड और बैंक खाते की जानकारी आवश्यक है। ई-केवाईसी से भुगतान में आसानी होगी और धोखाधड़ी कम होगी। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, जॉब कार्ड, बैंक खाता विवरण, फोटो और निवास प्रमाण पत्र जरूरी हैं।

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    जिले में 15 हजार मनरेगा मजदूरों ने कराई ई-केवाईसी।

    जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। मनरेगा श्रमिकों की ई-केवाईसी शुरू हो गई है। अक्टूबर के अंत तक इस कार्य को पूर करने के निर्देश दिए गए हैं। दाे लाख 25 हजार में से अब तक 15 हजार मजदूरों की ई-केवाईसी हो चुकी है। जिन मजदूरों की ईकेवाईसी नहीं होगी उन्हें योजना के अंतर्गत काम मिलना मुश्किल हो जाएगा। जो श्रमिक कार्य स्थल पर उपस्थित रहेंगे, उन्हीं की हाजिरी लगेगी। इससे फर्जी उपस्थिति दिखाकर सरकारी धन के हड़पने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। कार्यों मे पारदर्शिता आएगी।

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    ई-केवाईसी के लिए मजदूरों को आधार कार्ड, जॉबकार्ड, बैंक पास बुक साथ ले जाना होगा। इस दौरान दो-तीन बार पलक झपकानी पड़ेगी। उसकी पलक झपकाते फोटो एनएमएमएस (नेशनल माेबाइल मानिटरिंग सिस्टम)ऐप पर अपलोड हो जाएगी। इस कार्य को करने की जिम्मेदारी रोजगार सेवकों को दी गई है।

    आधार फेस प्रमाणीकरण के इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वह सभी प्रशिक्षित किए गए हैं। जब श्रमिक कार्य स्थल पर काम करने के लिए जाएगा तो वहां पर एआइ से नियंत्रित इस ऐप पर हाजिरी ली जाएगी। उस वक्त मजदूर का वास्तविक चेहरा ही पकड़ में आएगा।

    यदि उसके स्थान पर कोई दूसरा गया है, जिसकी ईकेवाईसी नहीं है तो उसे ऐप रिजेक्ट कर देगा। इसी ऐप के माध्यम से मजदूर का कार्यदिवस भी अंकित किया जाएगा। इससे ग्राम पंचायतें फर्जी मस्टर रोल निकालकर गड़बड़ी नहीं कर सकेंगी। प्रतिदिन शासन से इसकी समीक्षा की जा रही है। उपायुक्त मनरेगा ब्लाकवार मानिटरिंग कर रहे हैं।

    मनरेगा श्रमिकों के लिए ईकेवाईसी अनिवार्य कर दी गई है। जो श्रमिक ईकेवाईसी नहीं कराएंगे उन्हें काम नहीं मिलेगा। उनकी उपस्थिति भी कार्य स्थल पर नहीं दिखाई जा सकेगी। सबकुछ केंद्र सरकार के ऐप के माध्यम से होगा। इसलिए सभी मजदूर राेजगार सेवक से मिलकर अपनी ईकेवाईसी अवश्य करा लें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाहीं न दिखाएं। ब्लाकों तैनात अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी प्रत्येक ग्राम पंचायतों में लक्षित कार्य को पूरा करने के लिए निरंतर निगरानी करते रहें। -अजीत कुमार सिंह, उपायुक्त मनरेगा।