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    'जा दिन जनम भयो आल्हा कै, धरती धंसी अढ़ाई हाथ..'

    सुलतानपुर : धनपतगंज विकास खंड के एकलखी गांव में मंगलवार को आल्हा गायन की धूम रही। वीर रस की बरसात कर

    By Edited By: Updated: Wed, 21 Sep 2016 12:33 AM (IST)

    सुलतानपुर : धनपतगंज विकास खंड के एकलखी गांव में मंगलवार को आल्हा गायन की धूम रही। वीर रस की बरसात करते हुए जब गायकों ने सुनाया'जा दिन जनम भयो आल्हा कै, धरती धंसी अढ़ाई हाथ..'तो लोग वाहवाह कर उठे। फिर लगातार ढोल की थाप और अतिश्योक्ति दर्शाती पंक्तियों ने शमां बांध दी।

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    मंगलवार को प्रह्लाद पुरवा गांव की बाग में पारंपरिक आल्हा लोकगीत का आयोजन हुआ। आल्हा गायकी में मुकाम हासिल करने वाले राम अभिलाष पाठक के साथ ढोलक पर संगत कर रहे राममिलन उपाध्याय की ढोलक की थाप पर वीररस की धारा बही। गायक ने आल्हा खंड काव्य के आल्हा जन्म और उनकी वीरता पर प्रकाश डालते हुए कहाकि'आल्हा और ऊदल'देवी शारदा के कृपा पात्र थे। उन्होंने जो भी लड़ाई लड़ी सबमें उनकी विजय हुई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से लालता, आद्या प्रसाद, विजय, अजय, मुनेश्वर, अमरदीप आदि रहे। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने फलदार पौधों का रोपण किया।