नटवरी नृत्य ने सभी को रिझाया
सुल्तानपुर : भगवान शंकर के नटराज रूप व श्रीकृष्ण की नटवर लीला की झलकियां दिखाकर नटवरी नृत्य के कलाकारों ने लोगों का मनमोह लिया। अवसर था मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक निदेशालय द्वारा चयन परीक्षण का।
लुप्त हो रही लोक कलाओं के संरक्षण के लिए सांस्कृतिक निदेशालय ने योजना तैयार की है, जिसके तहत शुक्रवार को शहर के जेल रोड स्थित एक सभागार में कलाकारों ने अपने नृत्य व लोकगीत का प्रदर्शन किया। भादर ब्लॉक के लहना गांव निवासी राम सुंदर पाल व उनके साथी कलाकारों ने इस अवसर पर नटवरी नृत्य पेश किया। बिरहा शैली में गाए जाने वाले गीत व फरवाही शैली के नृत्य को देख लोग भाव-विह्वल हो गए। रामसुंदर ने बताया कि भगवान शंकर ने नटवरी नृत्य के जरिए पाणिनि को चौदह सूत्रों का आशीर्वाद दिया था और नटराज कहलाए। द्वापर युग में भगवान कृष्ण को इसी नृत्य के चलते नटवर कहा गया। इस अवसर पर लखनऊ से आए मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अधिकारियों ने बताया कि समय-समय पर लोक कलाओं के संरक्षण के लिए कार्यक्रम चलाया जाता है। नटवरी नृत्य को ही इसी श्रेणी के तहत चयन की योजना है।
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