दैनिक जागरण @ facebook live पर गायक अंकित तिवारी ने अपने लिखे गीत को सुनाकर बताया मां का महत्व
मातृ दिवस के उपलक्ष्य में हजारों लोग अंकित तिवारी से सीधे जुड़े अपने गीत सुनाए कानपुर की यादें ताजा की और संवाद भी किया।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। 'ङ्क्षजदगी बहुत कठोर है। बहुत स्ट्रगल है हर ओर। बस एक मां का आंचल है, जहां कोई स्ट्रगल नहीं। जब भी जी चाहे उसकी गोद में छिप जाओ।' दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में यह बात बॉलीवुड के चर्चित गायक एवं संगीतकार अंकित तिवारी ने कही। 10 मई को आने वाले मातृ दिवस के उपलक्ष्य में दैनिक जागरण ने यह आयोजन कराया था।
लॉकडाउन के दौरान गुजर रही जिंदगी को लेकर किए सवाल
कानपुर में काकादेव के रहने वाले अंकित तिवारी आशिकी-2 के गीत 'सुन रहा है न तू...' से बेहद लोकप्रिय हुए। गुरुवार को करीब 48 मिनट के अपने लाइव शो में उन्होंने बहुत सारी बातें कीं। पहले तो उन्होंने शहर के लोगों से उनका हालचाल पूछा। लॉकडाउन के दौरान गुजर रही ङ्क्षजदगी को लेकर सवाल किए। चैट पर आ रहे कमेंट का जवाब देते रहे। फिर उन्होंने मातृदिवस पर अपनी मां को याद किया। बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनकी मां का बहुत बड़ा योगदान है। इस दौरान पूरे देश के हजारों लोग उनसे जुड़ गए, उनके मौसा-मौसी और कई यार दोस्त भी इस लाइव शो को देख रहे थे।
अपने चर्चित फिल्मी गीतों को भी सुनाया
इस दौरान उन्होंने मां के लिए लिखा अपना एक छोटा सा यह गीत भी सुनाया 'धूप जब सताए, आंचल से ढक लेती हो। चोट जब भी आए, संग मेरे रो देती हो। ताबीज जो मैं निकाल दूं, परेशां हो जाती हो तुम। किसी की बुरी नजर लग जाएगी, प्यार से बताती हो तुम। ओ मां याद आती हो, ओ मां याद आती हो'। इसके अलावा उन्होंने लोगों की फरमाइश पर सुन रहा है न तू..., दिल दर बदर..., रुला दिया..., तेरी गलियां... और मलंग फिल्म का गीत फिर मिलेंगे... जैसे अपने कई चर्चित गीत भी सुनाए। उन्होंने कानपुर के लोगों को भी लॉकडाउन का पालन करने और सुरक्षित रहने का सुझाव दिया। लोगों ने उनसे उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वे कानपुर में एक म्यूजिकल अकादमी खोलने जा रहे हैं। इसके अलावा यू ट््यूब पर उनका एक गीत भी आने वाला है।
लॉकडाउन में करता हूं घर के काम
अंकित ने लोगों से पूछा कि वे लॉकडाउन के दौरान क्या कर रहे हैं। फिर खुद अपनी दिनचर्या भी बताई। बताया कि इस दौरान उनके पास एक पियानो ही है क्योंकि उनके सारे म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट जिस बिङ्क्षल्डग में रखे हैं, वहां कोरोना का एक केस आ जाने के कारण वह बिङ्क्षल्डग ही सील है। इसलिए कम से कम 14 दिन तो उन्हें पियानो के सहारे ही बिताने हैं। इस दौरान वे घर के काम में हाथ बंटाते हैं। किचन से लेकर घर की सफाई तक का काम कर रहे हैं। घर पर रहकर जितना हो सकता है, उतना कर रहे हैं।
मां को लेकर आए विशेष कमेंट
- सबको कहां मिल पाता है मां का प्यार : लिशा कुमारी
- कहते हैं मां जैसी ममता किसी रिश्ते में नहीं होती और मां किसी फरिश्ते से कम नहीं होती : शिवम शुक्ला
- मैं कविताएं लिखता हूं और मैंने मां पर एक कविता लिखी है मदर्स डे के लिए : संजीव सचान
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