Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 रुपये के स्टांप पर छापते थे 500 का नकली नोट, पुलिस ने पकड़ा तो बोले- Youtube से सीखा फिर छापने लगे

    पुलिस लाइन सभागार में शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने पत्रकारों से वार्ता में गिरोह का राजफाश करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपित राबर्ट्सगंज क्षेत्र के चुर्क बाजार निवासी प्रमोद मिश्र तथा मीरजापुर निवासी सतीश राय हैं। पुलिस ने बिना नंबर की एक अल्टो कार का पीछा किया और उसमें सवार दोनों आरोपितों को रामगढ़ मार्केट की एक दुकान पर पकड़ा।

    By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 08 Nov 2024 11:00 PM (IST)
    Hero Image
    पुलिस ने आरोपी को पकड़कर जेल भेज दिया है।

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। नकली नोट बनाने का गिरोह चलाने और 30,000 रुपये के नकली नोट चलाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों 10 रुपये के स्टांप पर 500 रुपये के नकली नोट छापते थे। नकली नोट छापना यूट्यूब से सीखा था। पुलिस के अनुसार, दोनों सोनभद्र के रामगढ़ बाजार में नकली नोटों पर 10,000 रुपये और खर्च करने वाले थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अल्टो कार का पीछा किया तो मिली कामयाबी

    पुलिस लाइन सभागार में शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने पत्रकारों से वार्ता में गिरोह का राजफाश करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपित राबर्ट्सगंज क्षेत्र के चुर्क बाजार निवासी प्रमोद मिश्र तथा मीरजापुर निवासी सतीश राय हैं।

    नकली नोट छापने व चलाने वाले गिरोह की सूचना पर पुलिस ने बिना नंबर की एक अल्टो कार का पीछा किया और उसमें सवार दोनों आरोपितों को रामगढ़ मार्केट की एक दुकान पर पकड़ा। तलाशी में 500 रुपये के 20 नकली नोट बरामद हुए। नोट की जरूरी विशिष्टताओं पर यदि ध्यान नहीं दिया जाए तो कोई भी नहीं पहचान पाएगा कि ये नोट असली नहीं हैं। सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर (6 एक्यू 938124 रिजर्व बैंक आफ इंडिया) लिखा था।

    पिछले 8 महीने से छाप रहे थे नकली नोट 

    नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण, एक लैपटाप, एक प्रिंटर और 27 स्टांप पेपर भी जब्त किए हैं। दोनों चुर्क में ही नकली नोट छापते थे और फिर उसे सोनभद्र में चलाते थे। दोनों पिछले आठ माह से नकली नोट के धंधे में लिप्त थे। उन्होंने मीरजापुर से स्टांप पेपर खरीदा था।

    पूछताछ में दोनों आरोपितों ने बताया कि वे मिनरल वाटर का विज्ञापन बनाने और फिर उसे छापने की प्रक्रिया यूट्यूब से सीखना चाहते थे। इसी बीच उन्हें यूट्यूब पर नकली नोट छापने का वीडियो दिखा। फिर वे लालच में लैपटाप व प्रिंटर की मदद से 500-500 रुपये के असली नोट को स्कैन कर 10 रुपये स्टांप पेपर पर नकली नोट छापकर बाजार में चलाने लगे।