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    रेलवे साइडिग पर कोल डस्ट की भयावहता से जीना दूभर

    जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) कृष्णशिला रेलवे साइडिग पर कोयला लोडिग कार्य में लगे निजी

    By JagranEdited By: Updated: Tue, 22 Mar 2022 06:24 PM (IST)
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    रेलवे साइडिग पर कोल डस्ट की भयावहता से जीना दूभर

    जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : कृष्णशिला रेलवे साइडिग पर कोयला लोडिग कार्य में लगे निजी कंपनियों की उदासीनता से आसपास के रहवासियों का जीना दूभर हो गया है। ट्रेन में कोयला लोडिग के दौरान व्यापक पैमाने पर धूल उड़ रही है। रेलवे साइडिग की धूल से कई किमी तक वातावरण पूर्णतया प्रदूषित हो गया है। आलम यह है कि लगभग चार किमी दायरे में रेलवे साइडिग का मार्ग पूर्णतया कोल डस्ट से पट गया है।

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    मार्ग पर एक फीट तक कोल डस्ट जमा है। जो वाहनों के आवागमन होने से डस्ट का गुब्बार बनकर पूरे क्षेत्र को अपने आगोश में ले लेता है। प्रदूषण से बदहाली का आलम यह है कि तमाम कार्यरत रेल कर्मी यहां से दूसरे जगह स्थानांतरण कराने की मंशा पाले हुए हैं। पूरा रेलवे स्टेशन परिसर कोल डस्ट के दायरे में दिन-रात समाए रहता है। निजी ट्रांसपोर्टरों द्वारा कहीं भी पानी का छिड़काव नही किया जाता है। जिससे समस्या गर्मी के मौसम में काफी भयावह होती जा रही है। कृष्णशिला रेलवे स्टेशन मास्टर विनोद कुमार ने कहा कि कोयला लोडिग के दौरान आसपास के संपर्क मार्ग पर कोयला लोडिग में लगे ट्रांसपोर्टरों को पानी छिड़कने की जिम्मेदारी है। लेकिन बार-बार कहने के बावजूद भी उनके द्वारा नियमित पानी का छिड़काव नही कराया जाता है। कोल डस्ट व प्रदूषण से सभी लोग परेशान हैं। कोयला लोडिग में लगी कंपनियां मनमाने ढंग से कार्य कर रही हैं। प्रदूषण से आजिज आसपास के रहवासियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं एनजीटी की ओवरसाइट कमेटी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कृष्णशिला रेलवे साइडिग का स्थलीय निरीक्षण कर कोल डस्ट से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाने का आग्रह किया है।