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    सोनभद्र: एनसीएल खदान में दर्दनाक हादसा, सुपरवाइजर की मौत

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 03:41 PM (IST)

    सोनभद्र के एनसीएल दुधीचूआ कोयला खदान में सुपरवाइजर पुष्पेंद्र सिंह की डोजर की चपेट में आने से दुखद मौत हो गई। वे रात में डंपिंग एरिया का निरीक्षण कर रहे थे। पुष्पेंद्र सिंह सीधी जिले के निवासी थे और एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। परिवार ने उचित मुआवजे और नौकरी की मांग की है। एनसीएल प्रबंधन ने 25 लाख का चेक और अंतिम संस्कार के लिए 1 लाख की सहायता दी है। यह घटना सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को दर्शाती है।

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    जागरण संवाददाता, शक्तिनगर (सोनभद्र)। एनसीएल दुधीचूआ कोयला खदान में शुक्रवार रात को एक दुखद घटना में सुपरवाइजर पुष्पेंद्र सिंह की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, पुष्पेंद्र सिंह, जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी, खदान के डंपिंग एरिया में निरीक्षण करने गए थे। यह घटना रात लगभग 11 से 12 बजे के बीच हुई, जब वे बुलडोजर की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।

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    पुष्पेंद्र सिंह मूल रूप से सीधी जिले के निवासी थे और एनसीएल दुधीचूआ के अधीन एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। वे ओवरबर्डन हटाने का कार्य देखते थे। नाइट शिफ्ट के दौरान निरीक्षण के लिए वन के समीप पहुंचे थे, तभी बुलडोजर ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं और वे गिर पड़े।

    साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने तुरंत प्रबंधन को सूचित किया और उन्हें एनसीएल जयंत के नेहरू शताब्दी अस्पताल भेजा गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी। मोरवा थाना प्रभारी उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अस्पताल भेजा गया।

    पुष्पेंद्र सिंह के परिजन सीधी से सिंगरौली पहुंच गए हैं। परिजनों ने मांग की है कि मृतक के आश्रित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को निजी कंपनी में नौकरी दी जाए। इस मामले में एनसीएल प्रबंधन ने बताया कि मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए का चेक और अंतिम संस्कार के लिए एक लाख रुपए की नगद सहायता प्रदान की गई है।

    यह घटना खदान में सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर करती है। खदानों में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। एनसीएल प्रबंधन को चाहिए कि वे इस मामले की गंभीरता को समझें और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करें।