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    Sonbhadra News: चार वर्ष से औसत वर्षा के लिए तरसा सोनांचल, बांध हो रहे खाली; किसान मायूस

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Fri, 04 Aug 2023 02:47 PM (IST)

    Sonbhadra News सोनभद्र में पानी नहीं बरसने से किसान मायूस हो गए हैं। धान की रोपाई से पहले बांध सूख गए हैं नहरों में पानी नहीं है और न ही बारिश हो रही है। जनपद में प्रतिवर्ष औसत मानक वर्षा 1057 एमएम निर्धारित किया गया है लेकिन 2020 से अब तक किसी भी वर्ष औसत वर्षा ही नहीं हुआ।

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    चार वर्ष से औसत वर्षा के लिए तरसा सोनांचल, बांध हो रहे खाली; किसान मायूस

    सोनभद्र, जागरण संवाददाता। जनपद में मानसून बारिश पिछले चार वर्षों से लगातार सरकारी मानक से कम बरस रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में वित्तीय वर्ष में मानक वर्षा 1057 एमएम निर्धारित किया गया है। वर्ष 2019-20 में मानसूनी बारिश मानक को छू लिया था। इसके बाद से अब तक जनपद में बारिश तय मानक के अनुसार नहीं हुआ। इस कारण जनपद में भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे चला गया।

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    घोरावल, चतरा व दुद्धी ब्लाक में भूगर्भ जल स्तर सबसे नीचे हैं। दूसरी तरफ अंग्रेजों के समय बनाए गए विशाल मानसून आधारित बांध धीरे-धीरे खाली होते जा रहे हैं। आलम यह है कि अब वहां पर खेती तो छोड़िए पेयजल के लिए पानी बचाने की जद्दोजहद चल रही है। जनपद में लगभग 80 प्रतिशत खेती नहर व मानसून पर निर्भर है। जनपद पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आजादी से पहले व बाद में सिंचाई के लिए बांध का निर्माण कराया गया, ताकि फसलों की नियमित सिंचाई हो सके।

    औसत से कम होती है बारिश

    जनपद में प्रतिवर्ष औसत मानक वर्षा 1057 एमएम निर्धारित किया गया है, लेकिन 2020 से अब तक किसी भी वर्ष औसत वर्षा ही नहीं हुआ। इस बार भी जून व जुलाई को मिलाकर महज 231 एमएम बारिश हुई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 955.60 एमएम, 2021-22 में 776.87 एमएम वर्षा, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 916.09 एमएम वर्षा हुई है।

    नहर व मानसून पर निर्भर है खेती

    जनपद पहाड़ी व जंगल बाहुल्य है। सोनभद्र में खेती मानसूनी व नहरों पर निर्भर है। मानसून बेहतर न होने पर इसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ता है। वर्ष 2020 के बाद से जनपद में मानक वर्षा का ग्राफ मानसून नहीं छू पा रहा है। जिसके कारण खेती प्रभावित हो रही है। इसके अलावा जिले के दो सबसे बड़े व पुराने बांध नगवां व धंधरौल के अलावा रिहंद का जलस्तर कम हो रहा है।

    मानसून पर हैं निर्भर हैं ये बांध

    रिहंद में तो कुछ नदियों का पानी आता भी है, लेकिन नगवां व धंधरौल बांध पूरी तरह से मानसून पर निर्भर है। इस कारण इनका दायरा सिमटा जा रहा है।

    प्रमुख बांध व जलस्तर

    बांध                  अधिकतम जलस्तर                     वर्तमान

    धंधरौल                  317.90                                311.37

    नगवां                   354.60                                  344.77

    रिहंद                    265.18                                256.20

    ओबरा                     193.24                             192.80