Updated: Sun, 01 Jun 2025 05:38 PM (IST)
सोनभद्र से मिली खबर के अनुसार यूपी में पिछले साल के मुकाबले इस साल मई में बिजली की मांग में मामूली अंतर रहा। पिछले साल बिजली की कमी के कारण कटौती हुई थी लेकिन इस साल उत्पादन बढ़ने से आपूर्ति में सुधार हुआ है। मई 2024 में अधिकतम मांग 29873 मेगावाट रही। बिजली प्रबंधन जून में मांग को लेकर सतर्क है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। यूपी में बिजली की मांग पिछले साल मई महीने के मुकाबले इस वर्ष मई के महीने में महज कुछ मेगावाट का अंतर देखने को मिला जिससे बिजली प्रबंधन के लिए हालात काबू करने में काफी राहत रहा। पिछले वर्ष मई के महीने में बिजली की मांग में हुए इजाफे के कारण संसाधनों की काफी कमी और बिजली की उपलब्धता में मांग अनुसार कमी होने से बिजली आपूर्ति में काफी कठिनाइयां महसूस की गईं।
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इससे यूपी के कई हिस्सों में हुई बिजली कटौती के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल बिजली के क्षेत्र में काफी सुधार होने से अभी तक हालात काबू में हैं।
मई 2024 में यूपी में बिजली की अधिकतम मांग 29,727 मेगावाट रही, जबकि इस वर्ष मई के महीने में बिजली की अधिकतम मांग ने 29,873 मेगावाट के आंकड़े को छू लिया। बावजूद इसके लगभग डेढ़ सौ मेगावाट की बढ़ोतरी होने पर इस बार बिजली आपूर्ति में आ आ रही समस्या में काफी कमी देखने को मिला।
देखा जाए तो यूपी में पिछले साल के मुकाबले इस साल बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी होना इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। पिछले एक वर्ष में यूपी की कई निर्माणाधीन नई बिजली परियोजनाओं की इकाइयों से उत्पादन शुरू होने पर यूपी की बिजली उत्पादन की क्षमता में भी काफी वृद्धि हुई है।
जिसकी वजह से इस साल बिजली आपूर्ति में आ रही समस्या में काफी हद तक सुधार होने से यूपीवासियों को पिछले साल के मुकाबले इस साल अधिक बिजली आपूर्ति संभव हो पा रहा है। साथ ही मांग अनुरूप बिजली आपूर्ति करने के लिए महंगी दरों पर खरीदी जा रही बिजली में इस साल कटौती होने से सरकार को काफी फायदा भी हो रहा है लेकिन इन सबके बावजूद जून के महीने में बिजली की मांग किस ओर करवट लेता है, इस अनुमान से बिजली प्रबंधन बिजली आपूर्ति को लेकर काफी सतर्क है।
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