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    सोनभद्र में चार साल से किशोरी से बनाता रहा संबंध, अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई

    By MUKESH CHANDRA SRIVASTAVAEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 14 Oct 2025 05:26 PM (IST)

    सोनभद्र में एक अदालत ने रौतम कुमार को नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा सुनाई है। उस पर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेंगे। रौतम ने 2023 में 16 वर्षीय लड़की का अपहरण कर बलात्कार किया था। साक्ष्य के अभाव में चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया है। अदालत ने रौतम को पाक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया।

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    न्यायालय ने दोष सिद्ध होने पर रौतम कुमार को सुनाई 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा।

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व 16 वर्षीय किशाेरी के साथ बलात्कार करने एवं गर्भवती किए जाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी रौतम कुमार को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। उसके ऊपर 40 हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया है।

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    अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। वहीं चार अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया।

    अभियोजन पक्ष के मुताबिक विंढमगंज थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने विंढमगंज थाने में 28 अप्रैल 2024 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग लड़की 9 दिसंबर 2023 को रात आठ बजे अचानक पेट दर्द होने पर दवा इलाज के लिए डाक्टर के पास जा रही थी। तभी रौतम कुमार अपने चार अन्य साथियों के साथ पहुंचा और अपहरण करके बेटी को अपने घर ले गया।

    बेटी को बेरहमी से मारा पीटा और गंदी गंदी गाली देते हुए कहा कि तुम्हारे पेट में उसका बच्चा पल रहा है। उसकी सफाई करवा दो नहीं तो जान से मारकर फेंक देंगे। किसी तरह बेटी अपनी जान बचाकर घर वापस आई। रौतम उसकी बेटी के साथ करीब चार साल पहले से शारीरिक शोषण कर रहा है।

    आठ मार्च 2024 को शिवरात्रि पर शाम चार बजे बेटी शिव मंदिर पूजा करने गई थी तो वहां भी रौतम मारपीट करने लगा। मौजूद लोगों ने बीच बचाव किया। जाते समय शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दिया। बेटी को करीब पांच माह का गर्भ है। आवश्यक कार्रवाई करें।

    इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट विवेचक ने दाखिल किया था। अदालत ने सुनवाई करते हुए रौतम को दोषी पाकर सजा सुनाया। चार अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर ले सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।