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    सोनभद्र ने खदान हादसे के बाद से खनन पर रोक, महंगी हुई गिट्टी तो दोगुना तक‍ जा पहुंचा दाम

    By MUKESH CHANDRA SRIVASTAVAEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 12:24 PM (IST)

    सोनभद्र में खदान हादसे के बाद खनन पर रोक लगने से गिट्टी की कीमतों में भारी उछाल आया है। आपूर्ति बाधित होने के कारण कीमतें दोगुनी तक बढ़ गई हैं, जिससे ...और पढ़ें

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    पूर्वांचल की मंडियों में डाला ग्रिट के दाम में भारी वृद्धि हुई है।

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। पिछले महीने बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में एक पत्थर खदान में हुए हादसे के बाद खान सुरक्षा निदेशालय ने यहां पंजीकृत सभी 32 खदानों में खनन पर रोक लगा दी है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप पूर्वांचल की मंडियों में डाला ग्रिट के दाम में भारी वृद्धि हुई है।

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    पिछले 15 दिनों में गिट्टी के भाव लगभग डेढ़ गुने से दोगुना तक महंगे हो गए हैं। आधा इंच (10 एमएम) की 20 घन मीटर गिट्टी का मूल्य पहले लगभग 32 हजार रुपये था, जो अब बढ़कर 64 हजार रुपये हो गया है। इसी प्रकार, पौन इंच की 20 घन मीटर गिट्टी का मूल्य 60 हजार रुपये से बढ़कर 90 हजार रुपये हो गया है।

    अन्य मंडियों में प्रति 100 किलोमीटर तक एक ट्रक गिट्टी का मूल्य आठ से दस हजार रुपये तक बढ़ जाता है। डाला ग्रिट के नाम से मशहूर यहां की गिट्टी की आपूर्ति जनपद सहित पूर्वांचल और पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में होती है। खनन बंद होने के कारण ट्रकों की आमद में कमी आई है, जिससे बाजार में संकट जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। दाम बढ़ने के कारण निजी मकान निर्माण कराने वाले लोगों ने अपने कार्य की गति धीमी कर दी है।

    स्थानीय क्रशर संचालकों का कहना है कि जब तक खदानों में सुरक्षा मानकों का पालन कर खनन दोबारा शुरू नहीं होता, तब तक गिट्टी बाजार में उतार-चढ़ाव और महंगाई बनी रहने की आशंका है। इस स्थिति ने निर्माण कार्यों को प्रभावित किया है और कई परियोजनाएं ठप हो गई हैं।

    कारोबार‍ियों का मानना है कि यदि खनन गतिविधियों को जल्द ही पुनः प्रारंभ नहीं किया गया, तो इससे न केवल निर्माण उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। गिट्टी की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि इससे निर्माण लागत में वृद्धि हो रही है।

    इस प्रकार, खनन पर लगी रोक ने न केवल गिट्टी के दामों में वृद्धि की है, बल्कि इससे निर्माण कार्यों में भी रुकावट आई है। स्थानीय प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि खनन गतिविधियों को सुरक्षित तरीके से पुनः प्रारंभ किया जा सके और बाजार में स्थिरता लाई जा सके। इस संकट के समाधान के लिए सभी संबंधित पक्षों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि इस क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।