सोनभद्र खदान हादसे में तीन शव बरामद, सिर्फ एक की हुई पहचान, 12 अन्य की तलाश जारी
सोनभद्र में खदान दुर्घटना के बाद तीन शव मिले, जिनमें से केवल एक की पहचान हो पाई है। बचाव दल बाकी 12 लापता लोगों की तलाश में जुटा है। मृतकों की पहचान करने में कठिनाई हो रही है, जिससे प्रभावित परिवारों में निराशा है। प्रशासन द्वारा पीड़ितों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी में राहत और बचाव कार्य जारी।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। बिल्ली मारकुंडी में ड्रिलिंग के दौरान शनिवार को दोपहर बाद हुए खदान हादसे में मलवे में दबे अब तक तीन शव बरामद हो चुके हैं। घटना के करीब पांच घंटे बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के मौके पर पहुंचने पर मलवे में दबे मजदूरों की तलाश शुरू हुई।
पहला शव देर रात करीब दो बजे ओबरा थाना क्षेत्र के परसोई ग्राम पंचायत के अमिरिनिया टोला निवासी 28 वर्षीय राजू सिंह गौड़ पुत्र त्रिवेणी सिंह गौड़ का बरामद हुआ। उसके जेब से मिले मोबाइल से संपर्क किया गया तो भाई सोनू सिंह ने मृतक की पहचान की। शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। बाकी दो शवों की पहचान नहीं हो सकी है। शेष की तलाश जारी है।
उधर पुलिस ने घटनास्थल पर शांति व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देते हुए बग्घानाला तिराहे के पास ही बैरिकेडिंग लगाकर बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। मौके पर फोर्स लगाई गई है, जो किसी को भी खदानों की ओर जाने नहीं दे रही है। सांसद छोटेलाल खरवार और सपा जिलाध्यक्ष रामनिहोर यादव सुबह नौ बजे ही बग्घानाला पहुंचे जहां पुलिस ने उन्हें खदान की ओर जाने से रोक दिया।
वहीं पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामराज गोंड भी रोके गए हैं। विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि पूरे मामले को दबाने के लिए प्रशासन ने खदान की ओर जाने पर प्रतिबंध लगाया है। उधर, मंडलायुक्त राजेश प्रकाश व एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने बताया कि रेस्क्यू अभियान चल रहा है। कितने लोग मलवे में दबे हैं, यह अभी पता नहीं चल पाया है।

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