सोनभद्र खदान हादसे में मृतक आश्रितों को मिले 50 लाख व सरकारी योजनाओं का लाभ
सोनभद्र खदान हादसे में मरने वालों के परिवारों को सरकार 50 लाख रुपये की सहायता देगी। साथ ही, मृतक आश्रितों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा, जैसे पेंशन और आवास योजना। स्थानीय प्रशासन ने परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है, ताकि उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

राजनीतिक व प्रशासनिक मिलीभगत से अवैध तरीके से खनन का काम जनपद में चल रहा है।
जागरण संसं, सोनभद्र। बिल्ली-मारकुंडी में 15 नवंबर को हुए खनन हादसे के विरोध में मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष दो मिनट का मौन रखने के बाद प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रपति व राज्यपाल के नामित ज्ञापन सौंपा गया। कहा कि राजनीतिक व प्रशासनिक मिलीभगत से अवैध तरीके से खनन का काम जनपद में चल रहा है।
आरोप लगाया कि बचाव अभियान में लापरवाही बरती गयी। अगर समय व तेजी से काम किया गया होता तो कई श्रमिकों की जान बचायी जा सकती थी। कहा कि घटना स्थल पर राजनीतिक दल व सामाजिक संस्थाओं को जाने से रोका गया। इससे यह साफ होता है कि इसमें कुछ छुपाया जा रहा था। हादसे ने खनिज विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है।
जिले में सैकड़ों खदानें बिना सुरक्षा मानकों के संचालित हो रही हैं। मांग किया कि मृतक मजदूरों के आश्रितों को 50 लाख रुपए मुआवजा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। घटना की न्यायिक जांच कराया जाए। इसमें शामिल लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इस मौके पर आरके शर्मा, देव कुमार विश्वकर्मा, बसावन गुप्ता, अमरनाथ सूर्य, बुद्धि सेन आदि रहे।

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