सोनभद्र में आइआरडीएआइ अधिकारी बनकर पीड़ित से उड़ाए साढ़े तीन लाख रुपये
सोनभद्र में एक व्यक्ति ने आइआरडीएआइ अधिकारी बनकर एक पीड़ित से साढ़े तीन लाख रुपये ठग लिए। आरोपी ने पीड़ित को मदद का भरोसा दिलाया और पैसे ऐंठ लिए। पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

पीड़ित ने बताया कि वह पालिसी को कैंसिल कराने के लिए लगातार पता लगा रहे थे।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र)। साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने रोजाना नये-नये हथकंडे अपनाने शुरु कर दिए हैं। ताकि शिकार बनाये जाने वाले लोगों पर उनकी बातों का भरोसा हो सके और अपराधी आसानी से लोगों की जमा पूंजी पर हाथ साफ कर सकें।
ओबरा निवासी एक व्यक्ति को कुछ लोगों ने आइआरडीएआइ (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) का अधिकारी बताकर कुल दस बार में तीन अलग-अलग बैंक खातों में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये जमा करा लिए।
पीड़ित ने यह राशि अपनी एक पालिसी को कैंसल कराने के लिए ठगों के मांगे गये चार्ज के रूप में जमा की। जब तक पीड़ित को ठगी का अहसास होता तब तक साइबर ठग उसे तीन लाख 46 हजार 473 रुपये की चपत लगा चुके थे।
चूड़ी गली निवासी संजय कुमार सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह एक राष्ट्रीयकृत बैंक से की गयी अपने एक लाइफ इंश्योरेंस पालिसी को बंद कराना चाहते थे। इसके लिए वह पालिसी को कैंसिल कराने के लिए लगातार पता लगा रहे थे।
उस दौरान उनके मोबाइल नंबर पर पांच अलग-अलग नंबरों से एक महिला सहित कुल पांच लोगों ने काल कर अपने की आइआरडीएआइ का अधिकारी व प्रतिनिधि बताया। सभी आरोपितों ने उनकी लाइफ इंश्योरेंस पालिसी को कैंसिल करने के एवज में उनसे कुल दस बार में तीन अलग-अलग बैंक खातों में रुपये जमा कराये।
इतना ही नहीं उन्हें अपने साथ ठगी का अहसास हो जाने के बावजूद अभी भी आरोपित उन्हें लगातार फोन कर रहे हैं। वहीं पुलिस पीड़ित संजय कुमार सिंह की शिकायत पर सम्बंधित धाराओं में केस दर्ज कर उनके द्वारा उपलब्ध कराये गए मोबाइल नंबरों और एक वाह्टसप नंबर की जांच करने में जुटी है।

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