सोनभद्र में स्कूल की ठेकेदारी के लिए फर्जी मुख्य सचिव बन कलेक्टर को फोन करना पड़ा महंगा
सोनभद्र में एक व्यक्ति ने स्कूल की ठेकेदारी पाने के लिए खुद को उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव बताकर जिलाधिकारी को फोन किया। संदेह होने पर जिलाधिकारी ने जांच करवाई, जिसमें पता चला कि फोन करने वाला व्यक्ति फर्जी है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

फर्जी मुख्य सचिव बनकर फोन करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, शक्तिनगर (सोनभद्र)। मध्य प्रदेश सिंगरौली जनपद के कलेक्टर को फर्जी मुख्य सचिव बनकर फोन करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार किया है। कलेक्टर गौरव बैनल ने इस फर्जीवाड़े का राजफाश बुधवार को किया।
सिंगरौली जनपद के कलेक्टर गौरव बैनल ने बताया कि गत शुक्रवार को उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आया। मैसेज भेजने वाले ने स्वयं को मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य सचिव बताया। उसने फोन पर कहा कि सरकारी स्कूलों के मरम्मत व विद्युतीकरण का निविदा हमारे भेज गए लोगों को दिलाने की कोशिश करिए।
मैसेज की भाषा शैली पर संदेह होने के कारण कलेक्टर को फर्जीवाड़े की आशंका हुई। उन्होनें एसपी मनीष खत्री को पूरे मामले की जानकारी दी। साथ ही एसपी को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। अगले दिन शनिवार को फिर फोन आया। बताया गया कि दो लोग सोमवार को उनसे मिलेगें, उनका काम देखने को कहा।
कलेक्टर ने बातचीत में सहयोग कर मुलाकात का समय तय कर दिया। निर्धारित समय से पहले वहां पुलिस की टीम तैनात कर दी गई। जब दोनों व्यक्ति मुलाकात के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उनकी पहचान सचिंद्र तिवारी और वाल्मीकि प्रसाद मिश्रा के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर चालान किया।

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