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    दो साल से बंद डिजिटल एक्स-रे मशीन, प्रधानाचार्य ने लिखकर बताया ‘ठीक है’; दैनिक जागरण की खबर के बाद मचा हड़कंप

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 03:43 PM (IST)

    सोनभद्र के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में दो साल से बंद डिजिटल एक्स-रे मशीन को लेकर विवाद गहरा गया है। प्राचार्य ने पहले मशीन ठीक होने का दावा ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित डिजिटल एक्स-रे मशीन को लेकर दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का असर अब सामने आने लगा है। दो वर्षों से खराब पड़ी डिजिटल एक्स-रे मशीन को लेकर मरम्मत के सरकारी दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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    खबर प्रकाशित होने के बाद न सिर्फ चिकित्सा महाविद्यालय प्रशासन की स्थिति स्पष्ट हुई, बल्कि पूरे प्रकरण में संभावित गड़बड़ी की आशंका भी गहराने लगी है।

    हद तो तब हो गई जब मेडिकल प्रशासन ने पिछले माह आयोजित उद्योग बंधु की बैठक में लिखित रूप से कहा था कि डिजिटल एक्स-रे मशीन ठीक करा ली गई है। इसकी कापी उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी को भी दिया है।

    महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने 19 नवंबर 2025 को जारी पत्र में मशीन को ठीक किए जाने का दावा किया गया था, लेकिन दैनिक जागरण में 12 दिसंबर को मशीन के लंबे समय से बंद रहने की खबर प्रकाशित होने के बाद वास्तविकता सामने आई।

    बाद में प्राचार्य ने स्वयं स्वीकार किया कि जिस कक्ष में मशीन रखी गई है, वहां सीलन के कारण उसका संचालन संभव नहीं है। ऐसे में मरम्मत पर हुए खर्च और जारी किए गए पत्र की सत्यता पर सवाल उठने लगे हैं।

    मरम्मत पर लाखों खर्च, मरीजों को कोई लाभ नहीं

    स्थलीय सत्यापन के दौरान अस्पताल कर्मियों और हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. विजय सिंह ने भी मशीन के खराब होने की पुष्टि की। सवाल यह है कि जब मशीन उस स्थान पर चल ही नहीं सकती, तो उसकी मरम्मत पर लाखों रुपये क्यों खर्च किए गए। मशीन के बंद रहने से रोजाना सैकड़ों मरीजों को निजी सेंटरों पर महंगे डिजिटल एक्स-रे कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।

    अब व्यापारियों ने खोला मोर्चा, जांच की मांग

    दैनिक जागरण की खबर का असर व्यापारिक संगठनों तक भी पहुंचा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन की बैठक जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा के आवास पर हुई। जिसमें इस प्रकरण को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई।

    कौशल शर्मा ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है, लेकिन कुछ अधिकारी भ्रामक रिपोर्ट तैयार कर वास्तविक स्थिति को छिपा रहे हैं।

    डिजिटल एक्स-रे मशीन को ठीक दिखाने का पत्र जारी कर दिया गया, लेकिन 22 दिन बाद भी मशीन चालू नहीं हुई। इससे साफ है कि कहीं न कहीं गंभीर अनियमितता हुई है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।