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    महफिल-ए-मुशायरा में गालिब का अंदाज बयां

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 28 Dec 2017 08:40 PM (IST)

    जासं, सोनभद्र : मशहूर शायर मिर्जा असद उल्ला बेग खां उर्फ गालिब की 121वीं जयंती बुधवार को मित्र

    महफिल-ए-मुशायरा में गालिब का अंदाज बयां

    जासं, सोनभद्र : मशहूर शायर मिर्जा असद उल्ला बेग खां उर्फ गालिब की 121वीं जयंती बुधवार को मित्र मंच द्वारा 15 वीं बार आयोजित कराई गई। कार्यक्रम के दौरान महफिल-ए-मुशायरा का आयोजन किया गया जिसमें ख्याति प्राप्त शायरान जमील खैराबादी, ओवैस इलाहाबादी, फलक सुल्तानपुरी, कासिम नदीमी, गौहर मीरजापुरी, बहर बनारसी, अब्दुल हई, बाबा हसरत, इसरार अहमद, प्रद्युम्न त्रिपाठी, नजर मुहम्मद 'नजर' आदि ने अपनी गजलों और गीतों से श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी।

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    कार्यक्रम की शुरुआत नगर पालिका चेयरमैन वीरेंद्र जायसवाल द्वारा मिर्जा गालिब की प्रतिमा पर माल्यार्पण और शम्मा रोशन के साथ हुआ। मुशायरा के अध्यक्ष गौहर मीरजापुरी के साथ संचालन की कमान संभालते हुए भदोही के शायर कासिम नदीमी ने महफिल का आगाज शायरी 'हैं और भी दुनिया में सुखन वर बहुत अच्छे, कहते हैं कि गालिब का अंदाजेबयां और' से किया।

    मुशायरे में जमील खैराबादी ने अपनी गजलों से महफिल को मदहोश कर दिया। अमीरे शहर को हासिल बहार आज भी है, तबाह हाल मगर दस्त कार आज भी है। मुफलिसी तू मेरे बच्चों को हिकारत से न देख, हौसलामंद हैं हर बोझ उठा लेते। जैसे अनेक शेर सुनाकर वाहवाही लूटी। शायरा फलक सुल्तानपुरी वादे पे एतबार किया था यही कहें, हर लम्हा इंतजार किया था यही कहे, पहरों तुम्हारी याद में नीदें हराम की, मैंने भी तुमसे प्यार किया था यही कहे तथा ये तेरा झूठा है इंकार यही कहना है बारम्बार न हमको भूल सकोगे। सुनाकर महफिल को और भी खास बना दिया। ओवैस इलाहाबादी ने हुश्ने इत्तेफाक देखिये, आज उनकी दीद हो गयी, हसरतें मचल-मचल गई और मेरी, ईद हो गई को सुनाया। बहर बनारसी ने पल भर को आराम नहीं है, जबकि कोई काम नहीं है। अब्दुल हई ने मैं अब खामोश रहता हूं, किसी से कुछ नहीं कहता। बाबा हसरत ने कभी कभी ये भी मुद्दा है, घंटी घड़ियाल अजान की बातें सुना कर खूब ताली बंटोरी। प्रद्युम्न त्रिपाठी ने हम आपको सलाम करते हैं और नजर मोहम्मद 'नजर' ने ऑखों के अश्क पीये जा रहे हैं हम आदि नगमें सुनाई। इस मौके पर अशोक श्रीवास्तव, विजय कुमार जैन, राम प्रसाद यादव, चन्द्रकांत शर्मा, उमेश जालान, जीपी निराला, राधेश्याम बंका, जितेन्द्र बहादुर ¨सह, शेख मुहम्मद, राकेश मेहता, धीरज सोनी, हिदायत उल्ला खां, सैफुल्लाह, विमलेश पटेल,सलाउद्दीन आदि मौजूद रहे।