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    500 रुपये के ही स्टांप पर दो लाख तक की किरायेदारी, सरकार ने मानी व्यापारियों की दशकों पुरानी मांगें

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Fri, 28 Nov 2025 04:53 PM (IST)

    सोनभद्र के व्यापारियों के लिए खुशखबरी! सरकार ने किरायेदारी एग्रीमेंट पर लगने वाले स्टांप शुल्क में भारी कमी की है। अब दो लाख तक के किराये पर मात्र 500 रुपये का स्टांप लगेगा, जिससे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। पहले लाखों रुपये लगते थे और अब 10 लाख तक के किराये पर भी शुल्क कम कर दिया गया है। इस फैसले से व्यापारियों में खुशी की लहर है।

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    रवीन्द्र जायसवाल, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क व सोनभद्र के प्रभारी मंत्री और जीडी दुबे, वरिष्ठ चार्ट्ड अकाउंटेंट।

    मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, सोनभद्र। नए रोजगार शुरू करने या अपना कारोबार विस्तार करने वालों को सरकार की ओर से बहुत बड़ी राहत मिली है। दुकान, कार्यालय या प्रतिष्ठान खोलने लिए दो लाख रुपये तक के किराये पर अब मात्र 500 रुपये के ही स्टांप पर एक साल का किरायेदारी एग्रीमेंट हो जाएगा।

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    वहीं 10 लाख रुपये तक के 10 साल तक के किराये पर अब अधिकतम 10 हजार तक रुपये ही स्टांप शुल्क लगेगा। इसके लिए पहले चार से पांच लाख रुपये तक लग जाते थे। इसके कारण लोग इससे बचने के लिए बीच का रास्ता अपनाते हुए 100 रुपये के ही स्टांप या सादे कागज पर रेंट एंग्रीमेंट बनाकर काम चलाते थे, जिसका लीगल वैल्यू भी नहीं होता था।

    यानी कोई केस होता है तो यह मान्य ही नहीं होगा। इससे व्यापारियों को तो हमेशा डर बना ही रहता था साथ ही सरकार को भी नुकसान होता था। इसी को ध्यान में रखते हुए स्टांप एवं पंजीयन शुल्क मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने राहत देने की घोषणा की थी।

    पिछले दिनों यहां आए जायसवाल ने कहा था कि इसी साल किरायेदारी संबंधी शासनादेश जारी हो जाएगा। अब शासन की ओर से इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस पहल का तमाम सीए, अधिवक्ता, व्यापारियों ने स्वागत किया है।

    इस शासनादेश के बाद उद्यमियों, व्यापारियों को राहत मिलेगी। इससे पहले लीगल वैल्यू के लिए किए जाने वाले किरायेदारी के लिए चार प्रतिशत तक स्टांट ड्यूटी लग जाती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में दो प्रतिशत शुल्क था।

    अब नए शासनादेश से सोनांचल के भी व्यापारियों में खुशी है। रेंट एग्रीमेंट में लगने वाली स्टांप ड्यूटी में सुधार के लिए उद्यमी व व्यापारी कई दशकों से मांग कर रहे थे। हालांकि यह स्टांप शुल्क में छूट किसी प्रकार के टोल या खनन पट्टा करार पर लागू नहीं होगा।

    सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय है। इससे व्यापारियों व उद्यमियों को राहत मिलेगी, जिसकी दशकों से मांग की जा रही थी। किरायेदारी के नए कानून से नया कारोबार शुरू करना आसान हो जाएगी।

    - जीडी दुबे, वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट


    औसत वार्षिक किराये व उसपर लगने वाला अधिकतम स्टांप शुल्क

    वार्षिक किराया शुल्क एक साल तक 10 साल तक के लिए
    दो लाख तक 500 रुपये 2000 रुपये

    दो से छह लाख तक 1500 रुपये 7500 रुपये
    छह से 10 लाख तक 2500 रुपये 10 हजार रुपये

    सरकार व्यापारी हितों को लेकर सदैव ही तत्पर है। इसी कड़ी में यह शासनादेश जारी हुआ है। अब 500 रुपये फिक्स दर किए जाने से रेंट एग्रीमेंट बनाना आसान हो जाएगा। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग दुकान, प्रतिष्ठान या कार्यालय खुलेंगे। इससे नए स्टार्टअप भी आगे आएंगे और कारोबार बढ़ेगा। कारण कि रेंट एग्रीमेंट में भारी रकम चुकाने की समस्या अब आड़े नहीं आएगी। व्यापारियों के हित में और भी पहल की जाएगी।

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    रवीन्द्र जायसवाल, स्टांप एवं पंजीयन शुल्क व सोनभद्र के प्रभारी मंत्री