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मिर्जापुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, कहा- सोनभद्र के पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी

प्रियंका ने मीडिया से कहा कि यूपी में नरसंहार हो रहा है और सोनभद्र में निर्दोष लोगों को मारा गया। अधिकार मांग रहे लोगों पर गोली चलाई गई। मैं पीड़ितों से मिलकर ही रहूंगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 07:28 AM (IST)
मिर्जापुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, कहा- सोनभद्र के पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी
मिर्जापुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी, कहा- सोनभद्र के पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी

मीरजापुर/मिर्जापुर, जेएनएन। सोनभद्र नरसंहार मामले ने तीसरे दिन शुक्रवार को तब बड़ा रूप ले लिया जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा अचानक पीडि़तों से मिलने पहुंच गईं। यह जानकारी होते ही आननफानन सोनभद्र के डीएम ने उभ्भा गांव और आसपास धारा 144 लागू दी। वाराणसी से सोनभद्र जा रहीं प्रियंका को मीरजापुर पुलिस ने अपनी सीमा में नारायनपुर पहुंचते ही रोक दिया।

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कांग्रेसियों के साथ प्रियंका वहीं सड़क पर धरना देने लगीं तो उन्हें हिरासत में लेकर चुनार किला स्थित गेस्ट हाउस ले जाया गया। प्रियंका पीड़ितों से मिलने पर अड़ी हैं और उन्होंने गेस्ट हाउस में ही डेरा डाल दिया है। शाम तक पुलिस ने प्रियंका सहित 10 पर शांति भंग की आशंका में धारा 151 व 107/16 में गिरफ्तार किया। प्रियंका ने मीडिया से कहा कि यूपी में नरसंहार हो रहा है और सोनभद्र में निर्दोष लोगों को मारा गया। अधिकार मांग रहे लोगों पर गोली चलाई गई। मैं पीड़ितों से मिलकर ही रहूंगी।

बुधवार को सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के गांव उभ्भा में जमीन कब्जा करने गए प्रधान सहित 300 लोगों ने वहां काबिज ग्रामीणों पर हमला कर दिया था, जिसमें दस ग्रामीणों की मौत हो गई थी, जबकि 28 घायल हुए थे। इसी प्रकरण में प्रियंका वाड्रा शुक्रवार की सुबह 10 बजे अचानक वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचीं। वहां से वे सीधे बीएचयू ट्रॉमा सेंटर गईं, जहां भर्ती सोनभद्र नरसंहार के घायलों का हाल जाना। ट्रामा सेंटर से प्रियंका का काफिला वाया मीरजापुर सोनभद्र के लिए रवाना हुआ।

मीरजापुर में प्रवेश करते ही पुलिस प्रशासन ने प्रियंका का काफिला रोक दिया। वहां अफसरों से हल्की नोकझोंक के बाद कांग्रेस महासचिव समर्थकों संग सड़क पर बैठ धरना शुरू कर दिया। करीब आधे घंटे बाद एसडीएम ने उन्हें हिरासत में ले लिया और अपनी गाड़ी में बिठाकर चुनार गेस्ट हाऊस ले गए। चुनार किला पहुंचने पर प्रियंका सहित पूर्व विधायक द्वय अजय राय व ललितेशपति त्रिपाठी सहित सभी कांग्रेसी धरने पर बैठ गए। बाद में गेस्ट हाऊस में पहुंचने पर डीएम व एसपी ने उन्हें बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। प्रियंका सोनभद्र जाने पर अड़ी रहीं। देर शाम तक प्रियंका वापस होने के लिए तैयार नहीं हुईं।

प्रशासन जहां उन्हें सोनभद्र जाने से रोकने पर अड़ा रहा वहीं प्रियंका भी पीड़ित परिवार से मिलने पर आमादा रहीं। यही कारण रहा कि जिला प्रशासन व प्रियंका के बीच कई दौर की वार्ता बेनजीता साबित हुई। रात करीब आठ बजे राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया भी पहुंचे, जिसके बाद प्रियंका के यहीं रात रुकने की बात की गई।

‘ऊपर से ऑर्डर है’

इस बीच प्रियंका ने कई ट्वीट किये जिसमें उन्होंने लिखा...उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।

आगे ट्वीट में वह लिखती हैं...मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूं। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है। मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है।

जनता सब देख रही है। मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं। मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाए। सरकार को जो उचित लगे वह करे। अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं।

Priyanka Gandhi Vadra in Narayanpur on if she has been arrested: Yes, we still won't be cowed down. We were only going peacefully to meet victim families(of Sonbhadra firing case). I don't know where are they taking me, we are ready to go anywhere.' pic.twitter.com/q1bwkucl0g
— ANI UP (@ANINewsUP) July 19, 2019

 सोनभद्र जाने पर अड़ीं प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दोपहर बाद भी सोनभद्र में पीड़ितों से मिलने के लिए अड़ी हुई हैं। चुनार डाक बंगले में ही पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी समेत कुछ पार्टी पदाधिकारियों के साथ मौजूद हैं। प्रियंका का कहना है कि वह कुछ लोगों के साथ ही सही, लेकिन पीड़ितों से मिलने जरूर जाएंगी। वहां पहुंचे जिलाधिकारी अनुराग पटेल, पुलिस अधीक्षक अवधेश पांडेय, एसडीएम सत्य प्रकाश सिंह उन्हें सोनभद्र न जाने के लिए मनाने में जुटे हैं। वहीं डाक बंगले के बाहर कार्यकर्ताओं का भारी जमावड़ा भी शुरु हो गया है। प्रशासन ने मौके पर भारी भीड़ को देखते हुए गेस्ट हाउस के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है। गेट पर ही कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। दिन भर हाईवोल्‍टेज सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा चुनार गेस्ट हाउस से शाम को बाहर आईं और यहां पहुंची महिलाओं के ग्रुप से जमीन पर बैठ कर हालचाल भी लिया।

इससे पूर्व दिन में सोनभद्र जाने से रोकने पर प्रियंका गांधी के सड़क पर ही धरना शुरू करने की सूचना के बाद प्रशासन के माथे पर बल पड़ गया और आला अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई। पुलिस प्रशासन प्रियंका संग कांग्रेसियों को निषेधाज्ञा लागू होने की जानकारी देकर धरना खत्म कराने के लिए मनाने में जुटा रहा। वहीं जानकारी होने के बाद मौके पर कांग्रेसियों का जमावड़ा भी शुुरू हाे गया, जबकि कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दोपहर 12 बजे एसडीएम चुनार की गाड़ी पर हिरासत में लेकर प्रियंका गांधी को धरना स्थल से हटाया गया। हिरासत में लेने के बाद उनको मीरजापुर जिला प्रशासन ने चुनार किला स्थित डाक बंगले में भेज दिया। 

मैं पीड़ितों से मिलने आई हूं, मिलकर ही रहूंगी

चुनार किले में गेस्ट हाउस के गेट के बाहार भी कुछ देर के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा धरने पर बैठ गईं और कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच उन्‍होंने कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया। प्रियंका ने अपने संबोधन में कहा कि ''मेरी गिरफ्तारी का कोई भी कागज प्रशासन नहीं दिखा रहा है। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। अधिकार मांग रहे लोगों पर हमला किया गया, गाेली चलाई गई। सोनभद्र में हुई जमीनी विवाद में हत्या में मारे गए लोगों के परिजनों से मुझे मिलने नहीं दिया जा रहा है।

मीरजापुर की सीमा में नरायनपुर के पास गिरफ्तार कर चुनार किला लाया गया है। यहां से चाहे मुझे कहीं भी ले जाया जाय परन्तु मैं पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाऊंगी। सोनभद्र में धारा 144 लगने की स्थिति में मैं तीन लोगों के साथ परिजनों से मिलने वहां जाऊंगी जिससे धारा 144 का उल्लंघन न हो सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र में जमीनी विवाद में नर संहार किया गया उसकी कांग्रेस भर्त्सना करती है। नरसंहार में जिनकी भी मौत हुई है उनके परिजनों के पुनर्वास की व्यवस्था के साथ मुआवजा राज्य सरकार दे।''

हिरासत में लिए जाने के बाद चुनार गेस्ट हाउस पहुंची प्रियंका वाड्रा ने सबसे पहले एसडीएम से वारंट मांगते हुए पूछा कि बिना वारंट के मुझे कैसे यहां लाए हैं। इसके बाद अधिकारियों ने उनको निषेधाज्ञा लागू होने की बात कहते हुए समझाने की कोशिश की। सोनभद्र में पीडि़त परिवार वालों से मिलने के लिए जाते समय रोकी गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चुनार किले पर सीओ से कहा कि बिना वारंट के गिरफ्तारी नहीं होती है। यह तो किडनैपिंग है। इसके बाद सीओ हितेंद्र कृष्ण ने कहा कि मैम बगैर वारंट के भी गिरफ्तारी हो सकती है। प्रियंका गांधी को इसके बाद चुनाव गेस्ट हाउस ले जाया गया। हालांकि, इस दौरान किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।

धरने पर बैठीं प्रियंका ने कहा कि वह सोनभद्र में हुई झड़प में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से जा रहीं थी लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। वह चाहती हैं कि उन्हें वहां जाने से रोकने का लिखित आदेश दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि वह पीड़ितों से मिलने के लिए सिर्फ चार लोगों के साथ भी सोनभद्र जाने को तैयार हैं। प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने को लेकर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया है। उन्हें केवल रोका गया। उन्होंने कहा कि प्रियंका को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया है।

वाराणसी में ट्रामा सेंटर में पीडितों से मुलाकात

नई दिल्ली से वाराणसी आने वाले इंडिगो एयरलाइंस के विमान से प्रियंका गांधी वाड्रा सुबह 9:50 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचीं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर पहुंचते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और एयरपोर्ट से वह सीधा ट्रामा सेंटर रवाना हो गईं। दरअसल प्रियंका गांधी सोनभद्र नरसंहार में गंभीर रुप से घायलों से मिलने ट्रामा सेंटर पहुंचीं। प्रियंका के पहुंचने से पहले ट्रामा सेंटर छावनी में तब्दील कर दिया गया और सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी कर दी गई। हादसे में घायल दिनेश को देखकर उन्‍होंने चोट के बारे में पूछा और हालचाल लिया।

उसके बाद प्रियंका ने घायल जयप्रकाश से और पिता संतलाल की तरफ देखा और कहा कि घबराइए मत जल्द ही ठीक हो जाएगा तो संतलाल ने घायल पत्नी सुखवंती को दिखाते हुए कहा कि पत्नी है, कहते हुए गला रुंध गया।प्रियंका ने ढांढस देते हुए कहा कि पूरी मदद होगी आपलोगों की। घायल महेंद्र के भाई नंदलाल से भी प्रियंका ने पूछा कि कोई दिक्कत तो नही है आप लोगों के इलाज में। घायल नागेंद्र से मिलने के बाद प्रियंका कुछ देर वार्ड में घायलों को देखती रहीं। परिजन भी उम्मीद लगाए देख रहे थे कि प्रियंका जी कुछ मदद की घोषणा करेंगी लेकिन प्रिंयका अपनी भावनाओं को अंदर लिए वार्ड से बाहर निकल गर्इं।

प्रियंका गांधी को उभ्भा गांव जाने से रोकने की तैयारी

सोनभद्र जिले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को मृतक के परिजनों से मिलने जाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने घोरावल क्षेत्र की सीमा को उनके आने की जानकारी होते ही सील करा दिया है। जिला प्रशासन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार गृह विभाग उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर घोरावल क्षेत्र के उभ्भा एवं सपही में भूमि पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में दस के मारे जाने व 28 के घायल होने को लेकर पूरे क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इलाके को अत्यंत संवेदनसील माना गया है। इसे लेकर प्रियंका गांधी वाड्रा को गांव में जाने से रोकने के लिए घोरावल की सीमा को सील कर दिया गया। वहीं घोरावल जा रहे पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़ को तीन अन्य समर्थकों के साथ दुद्धी पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में ले लिया। जबकि सोनभद्र जिले में मीडिया को भी घटनास्‍थल पर जाने और कवरेज से प्रशासन ने रोक दिया है। उभ्‍भा गांव पहुंचने की कोशिश कर रहे सपा और कांग्रेस के लोगों को पुलिस ने वापस लौटा दिया है।  

चर्चा में रहा प्रियंका का दौरा

लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में मची उठापटक के बीच उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस के किसी शीर्ष नेता का यह पहला पूर्वांचल दौरा है। पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर प्रियंका के इस नरसंहार पर सोनभद्र आगमन को सियासी हलके में उनकी सक्रियता के तौर पर भी लिया जा रहा है। वहीं कांग्रेसियों की भी लंबे समय से प्रियंका के यहां पर लगातार सक्रिय रहने की अपेक्षा रही है। पार्टी में शीर्ष स्‍तर पर अध्‍यक्ष पद को लेकर मचे विवाद के बीच उनका वाराणसी में अचानक आगमन भी चर्चा में बना हुआ है। वहीं प्रियंका के मीरजापुर में धरने और उनको हिरासत में लिए जाने के बाद लखनऊ तक पदाधिकारियों के फोन बजने लगे और प्रदेश भर में कांग्रेसियों की सक्रियता भी बढ़ गई। 

मीडिया से मीरजापुर में की बातचीत

प्रियंका गांधी से यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर बाबतपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं अभी घायलों और मृतक के परिजनों से मिलने जा रही हूं, अभी इस बारे में कोई बात नहीं करूंगी। वहीं ट्रामा सेंटर में भी उन्‍होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी और सीधे मीरजापुर होते हुए सोनभद्र रवाना हो गईं। हालांकि हिरासत में लिए जाने से पूर्व मीरजापुर में धरना देते समय उन्‍होंने राज्‍य सरकार पर कानून व्‍यवस्‍था को लेकर आरोप लगाया और पीडितों से न मिलने देने को लेकर भी उन्‍होंने प्रशासनिक मंशा को कठघरे में खड़ा किया। 

पूर्वांचल में शुरु हुआ प्रदर्शन

प्रियंका गांधी की मीरजापुर जिले में गिरफ्तारी के खिलाफ के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बलिया जिले में रोडवेज तिराहे के समीप सड़क जाम कर सरकार विरोधी नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि प्रियंका को तत्‍काल रिहा किया जाए नहीं तो कार्यकर्ता आंदोलन को बाध्‍य होंगे। वहीं प्रियंका को हिरासत में लिए जाने और सोनभद्र में घोरावल के उभ्‍भा गांव में दस ग्रामीणों की हत्‍या के बाद कांग्रेस नेता को न जाने देने को लेकर विभिन्‍न जिलों में कार्यकर्ताओं ने रोष जाहिर किया है। पूर्वांचल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जगह जगह विरोध प्रदर्शन करते हुए कई जगहाें पर सरकार का प्रतीक पुतला भी फूंका है। 


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