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    भूमि शोधन की तैयारी, आ गई है खेती-बारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 01 Jun 2020 09:16 PM (IST)

    सोनभद्र इस बार भारतीय मौसम विभाग ने समय से मानसून के आने और अच्छी बारिश की संभावना जताया है। ऐसे में खेती-बारी का भी काम शुरू होने वाला है। गांव-गांव बीज बेचने के लिए

    भूमि शोधन की तैयारी, आ गई है खेती-बारी

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र : इस बार भारतीय मौसम विभाग ने समय से मानसून के आने और अच्छी बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में खेती-बारी का भी काम शुरू होने वाला है। गांव-गांव बीज बेचने के लिए जहां व्यापारी व बीज विक्रेता जाने लगे हैं वहीं कृषि विभाग भी अपने राजकीय बीज गोदामों पर बीज की उपलब्धता को निर्धारित करने में जुट गए हैं। सोनांचल में जून के दूसरे सप्ताह से नर्सरी डालने का काम शुरू हो जाता है। उप कृषि निदेशक ने खेती-बारी की तैयारियों के मद्देनजर बभनी ब्लाक के राजकीय बीज गोदाम पर पहुंचकर सोमवार को वहां जायजा लिया।

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    उप कृषि निदेशक डीके गुप्ता बताते हैं कि जहां पानी की उपलब्धता है। जिन लोगों के पास अपने निजी नलकूप आदि हैं वे नर्सरी डाल सकते हैं। हालांकि जिले में धान की खेती वर्षा आधारित है। ऐसे में किसान बारिश के इंतजार में बैठे हैं। उन्हें सलाह है कि नर्सरी डालने से पहले बीज शोधन और भूमि शोधन जरूर करें। बताया कि इस बार जिले में 84.39 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की खेती होनी है। इसमें धान की खेती का रकबा 30.431 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। इस तरह से डालनी चाहिए नर्सरी

    उप कृषि निदेशक डीके गुप्ता ने बताया कि किसानों को नर्सरी लगाने से पूर्व भूमि शोधन अवश्य कर लेना चाहिए। इससे नर्सरी लगभग रोग मुक्त हो जाती है। एक हेक्टेयर क्षेत्र के भूमि के शोधन के लिए 40 किग्रा गोबर की खाद में एक किग्रा ट्राइकोडर्मा मिला लें। छाया में रखकर उस पर पानी का छिड़काव करने के बाद एक सप्ताह तक उसे छोड़ दें। उसके बाद खेत की मिट्टी में मिश्रित कर दें। बताया कि एक हेक्टेयर की रोपाई के लिए अधिकतम 1000 वर्ग मीटर का क्षेत्र पर्याप्त होता है। अनुदान पर मिलेगा बीज

    उप कृषि निदेशक के मुताबिक सभी ब्लाक कार्यालय स्थित राजकीय कृषि बीज भंडार पर सामान्य व हाईब्रिड प्रजाति के धान का बीज उपलब्ध है। भंडार से बीज खरीदने वाले किसानों को 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा। बेहतर व कम समय में उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसान एडीआर-2064, 2065 व सीओ-51 प्रजाति के बीजों का प्रयोग कर सकते हैं। कृषि अधिकारी पीयूष राय के मुताबिक जिले में करीब 600 क्विंटल धान का बीज राजकीय गोदामों के लिए आया है। अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर की खेती के लिए ही मिलेगा।

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