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    बारी समाज के लोगों ने प्रदर्शन कर मांगा हक

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jul 2019 04:58 PM (IST)

    अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर बारी समाज के लोगों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। वक्ताओं ने कहा कि एक नवंबर 2015 को गोरखपुर में मध्यकाल के महान योद्धा रूपन बारी की जयंती समारोह में बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ ने बारी जाति की समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया था।

    बारी समाज के लोगों ने प्रदर्शन कर मांगा हक

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर बारी समाज के लोगों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

    वक्ताओं ने कहा कि एक नवंबर 2015 को गोरखपुर में मध्यकाल के महान योद्धा रूपन बारी की जयंती समारोह में योगी आदित्यनाथ ने बारी जाति की समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया था। यही वजह थी कि 2017 में बारी समाज ने योगी का पूरा समर्थन किया, लेकिन पूर्व सरकारों की भांति इस सरकार ने भी बारी समाज को अपेक्षित कर दिया। कहा कि बारी जाति के लोग जंगलों में रहकर पत्ते का दोना पत्तल बनाकर अपनी जीविका चलाते है। आजादी के बाद एक जैसा दोना पत्तल बनाने वाली उड़ीसा, असम और अंडमान निकोबार में बारी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया लेकिन यूपी सहित अन्य राज्यों में बारी जाति को अन्य पिछड़ी जाति में शामिल कर घोर अनियमितता बरती गई। जिसका खामियाजा आज भी बारी जाति के लोग झेल रहे हैं। कहा कि जिन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है उनकी आर्थिक, शैक्षिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति बारी जाति से बेहतर होने के साथ वे ग्राम पंचायत से लेकर विधानसभा व संसंद भवन ही नहीं सत्ता के बराबर के हिस्सेदार है। इस मौके पर विनोद कुमार रावत, रामलाल सिंह बारी, अशोक बारी, संजय रावत, दिनेश बारी, ज्योति कुमार, रामनाथ, रामजनम, रामकेवल, जगदीश बारी, अमरनाथ बारी आदि उपस्थित थे।

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