सर्दियों में खांसी-जुकाम से बचाएंगे ये अनाज, विशेषज्ञों ने जानें बाजरा-रागी और मक्का के जबरदस्त फायदे
सोनभद्र में मोटे अनाजों की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। ठंड के मौसम में श्री अन्न के सेवन से लोगों को गर्माहट मिल रही है और यह स्वास्थ्य के लिए भी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। जिले में ठंड के बढ़ते प्रभाव के साथ ही मोटे अनाजों की मांग में तेजी दर्ज की जा रही है। पोषक तत्वों से भरपूर श्री अन्न को लेकर आमजन में जागरूकता बढ़ने का असर स्थानीय बाजारों में साफ दिखाई दे रहा है।
दुकानों पर जों, बाजरा, रागी और मक्का की खरीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे इनके दामों में भी मजबूती आने लगी है। व्यापारी सुरेश, पंकज ने बताया कि ठंड में ऊर्जा और गर्माहट प्रदान करने वाले इन अनाजों की खपत हर साल बढ़ती है, लेकिन इस बार श्री अन्न अभियान के कारण लोगों में इनकी उपयोगिता को लेकर खास जागरूकता दिख रही है।
स्थानीय खानपान में भी मोटे अनाजों को शामिल किए जाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोटे अनाज न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वाराणसी खोजवां के थोक विक्रेता केशव प्रसाद व ऋषभ गुप्ता बताते हैं कि बाजार में इस समय जौ 34 रुपये प्रति किलो, जौ की घूरी 40 रुपये, बाजरा 28 रुपये, मक्का 28 रुपये, रागी 60 रुपये, ज्वार 55 रुपये और चना 70 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है। बताया कि ठंड के कारण श्री अन्न की मांग लगभग 20 प्रतिशत बढ़ गई है।
श्री अन्न अभियान से बढ़ी जागरूकता
केंद्र सरकार के स्तर से चलाए जा रहे श्री अन्न अभियान का असर ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में दिख रहा है। स्वास्थ्य और पोषण लाभों पर जोर दिए जाने से युवाओं और बुजुर्गों में मोटे अनाजों की खपत बढ़ी है। स्कूलों व आंगनबाड़ियों में भी इनके उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब हर घर में इसको लेकर जागरूकता साफ नजर आती है।
किसानों के लिए बढ़ती संभावनाएं
उप कृषि निदेेशक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मोटे अनाज की लगातार बढ़ती मांग किसानों के लिए नई संभावनाएं लेकर आई है। कम पानी में उगने वाली इन फसलों की लागत कम और लाभ अधिक है। इससे किसानों की आय में स्थायी वृद्धि होती है। सोनांचल के किसानों के लिए मोटे अनाज का उत्पादन फायदे का सौदा हो गया है।
50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय के शल्य चिकित्सक डा. जेपी त्रिपाठी बताते हैं कि बाजरा, मक्का और ज्वार जैसे कई मोटे अनाज की तासीर गर्म होती है, जो सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्माहट देते हैं और ठंड से बचाते हैं।
इससे खांसी-जुकाम और सर्दी जैसी समस्याओं में आराम मिलता है, साथ ही ये फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। हालांकि, जौ और कंगनी जैसे कुछ अन्य मोटे अनाज की तासीर ठंडी होती है और उन्हें गर्मी में खाना फायदेमंद होता है।
गर्म तासीर वाले प्रमुख मोटे अनाज
- बाजरा : यह आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन, हीमोग्लोबिन और हड्डियों के लिए बहुत अच्छा है और शरीर को गर्माहट देता है।
- मक्का : विटामिन-ए और फालिक एसिड से भरपूर, यह दिल के मरीजों और कोलेस्ट्राल कंट्रोल में मददगार है और गर्म तासीर वाला होता है।
- ज्वार : वजन कंट्रोल करने, कब्ज दूर करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक है, यह भी गर्म तासीर का होता है।
- रागी : कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत, जो डायबिटीज और हड्डियों के लिए अच्छा है और इसकी तासीर भी गर्म होती है, इसलिए सर्दियों में फायदेमंद है।
ऐसे करें सेवन
- बाजरे, ज्वार या रागी को गेहूं के आटे में मिलाकर रोटी बना सकते हैं।
- बाजरे का दलिया, खिचड़ी या उपमा बनाकर खा सकते हैं।
- मक्के की रोटी बनाकर खा सकते हैं।
यह बरतें सावधानी
ध्यान रहे कि हर अनाज की तासीर अलग होती है। इसलिए मौसम और अपनी प्रकृति के अनुसार इनका सेवन करना चाहिए।

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