कोल समुदाय को जनजाति का दिया जाए दर्जा
कोल समुदाय को जनजाति का दिया जाए दर्जा

कोल समुदाय को जनजाति का दिया जाए दर्जा
घोरावल (सोनभद्र): कोल समुदाय को आदिवासी के रूप में मान्यता मिली है लेकिन अब तक इन्हें जनजाति का दर्जा देने के लिए संवैधानिक प्राविधान नहीं किया गया। वह गैर आदिवासियों के लिए तीन पीढ़ी के साक्ष्य पेश करने के प्राविधान की वजह से वनाधिकार कानून के लाभ से वंचित हो रहे हैं। इस संबंध में मंगलवार को घोरावल तहसील मुख्यालय पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम श्याम प्रताप सिंह को सौंप कर कार्रवाई की मांग की गई।
यह मांग की गई कि वनाधिकार का लाभ कोल जाति को मिल सके जो पुश्तैनी तौर पर जंगल की जमीनों पर बसे हैं और उनकी आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है। इस दौरान आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि आंदोलन के बाद 2003 में गोंड व खरवार आदिवासी समाज को जनजाति का दर्जा प्राप्त हुआ लेकिन कोल अभी भी इससे वंचित है। ज्ञापन देने वालों में तहसील प्रवक्ता श्रीकांत सिंह, मजदूर किसान मंच के तहसील संयोजक सदानंद कोल, सेवालाल कोल, संत लाल बैगा, लक्ष्मण कोल, कैलाश चौहान, गुलाब कोल, युसुफ, मुनीब, सुभाष भारती, राजनारायण कोल आदि रहे।
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