गोल्डल कार्ड के इतने हैं फायदे? यूपी में अब तक 38122 मरीजों का 62 करोड़ रुपये से हुआ इलाज
सोनभद्र में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 67.49% लोगों के गोल्डन कार्ड बने। 38 हजार से ज्यादा मरीजों का 62 करोड़ से इलाज हुआ। 32 अस्पताल सूचीबद्ध हैं पर नेटवर्क की समस्या आ रही है। आदिवासी क्षेत्र होने से यह योजना गरीबों के लिए मददगार है। नाम और त्रुटियों को सुधारा जा रहा है।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जनपद में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 67.49 प्रतिशत लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया गया है। जनपद में 2,18,840 लक्षित परिवारों की कुल संख्या है, जिसके सापेक्ष 9,60,682 सदस्यों का कार्ड निर्माण किया गया है।
अब तक 38 हजार 122 मरीजों का उपचार योजना के तहत किया गया है। इस उपचार में लगभग 62 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। जनपद में निजी व राजकीय चिकित्सालय इसमें शामिल किया गया है।
इसके अलावा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभागीय पहल लगातार चल रहा है। जनपद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। जिसके कारण यह योजना गरीब व असहाय लोगों के लिए रामबाण साबित हो रहा है।
32 चिकित्सालय जनपद में है इलाज के लिए सूचीबद्ध
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत मरीजों के इलाज के लिए जनपद में 32 चिकित्सालय सूचीबद्ध है। जिसमें 11 राजकीय चिकित्सालय व 19 निजी चिकित्सालय चयनित किया गया है। छह या उससे अधिक संख्या वाले 32,013 पात्र गृहस्थी परिवारों को योजना से जोड़ा गया है। इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक उम्र के 16,392 वरिष्ठ नागरिकों को भी योजना से जोड़ा गया है।
नेटवर्क बनती है समस्या का मुख्य कारण
जनपद के एक बड़ी आबादी पहाड़ी व ग्रामीण अंचल में निवास करती है। जिसमें ऐसे कई लाभार्थी हैं जिनका आयुष्मान कार्ड निर्माण कराना स्वास्थ्य विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है। जनपद के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर नो-नेटवर्क जोन है।
ऐसी स्थिति में उनका कार्ड बनाना मुश्किल होता है। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों के नाम मिलान व अन्य त्रुटियों के कारण भी समस्या आ रही है। जिसको सुधारने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं।
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