सिंगरौली में घने कोहरे में पिकअप पलटी, चार मजदूरों की मौत, तीन की हालत गंभीर
सिंगरौली के चितरंगी तहसील क्षेत्र में कोहरे के कारण पिकअप पलटने से चार मजदूरों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। यह वाहन उत्तर प्रदेश से मजदूरों को छोड़न ...और पढ़ें

घायलों को चितरंगी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी हालत गंभीर है।
जागरण संवाददाता, सिंगरौली (सोनभद्र)। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील क्षेत्र में सोमवार रात एक दुखद सड़क हादसा हुआ। झरकटा पहाड़ मार्ग पर उत्तर प्रदेश से मजदूरों को उनके घर छोड़ने आ रही एक पिकअप वाहन घने कोहरे के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
मृतकों में तीन मजदूर बगडेवा गांव के निवासी हैं, जबकि एक मृतक सोनभद्र जिले के जुगैल क्षेत्र का रहने वाला था। मृतकों की पहचान शीलू (उम्र लगभग 32 वर्ष), अमरपाल बैगा (36), लाल कुमार (35) और सूरज लाल बैगा (31) के रूप में हुई है। हादसे में घायल हुए संतोष कुमार, अमरेश कुमार पटेल और नन्हकू केवट को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चितरंगी में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही नौडिहवा चौकी प्रभारी मनोज सिंह चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि घना कोहरा और कम दृश्यता इस हादसे की मुख्य वजह मानी जा रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मार्ग अक्सर घने कोहरे के कारण खतरनाक हो जाता है, विशेषकर रात के समय। इस हादसे ने क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन को इस मार्ग पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
मृतकों के परिवारों में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय निवासियों ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया है और सरकार से मांग की है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही, घने कोहरे के दौरान वाहन चलाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की भी आवश्यकता है।
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। सभी वाहन चालकों को विशेष रूप से खराब मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल पीड़ितों के परिवारों के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय हैं। स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

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