पानी के किल्लत से धीमी पड़ी सोनभद्र में मेडिकल कालेज के निर्माण की रफ्तार, कॉलेज में अकादमिक सेशन की तैयारी
सोनभद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट मेडिकल कालेज के निर्माण पर पानी की किल्लत भारी। पानी न मिल पाने के कारण कालेज भवनों के निर्माण की गति धीमी पड़ गई है। इसका नतीजा है कि 18 माह के इस प्रोजेक्ट की समयावधि अब बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सरकार के पायलट प्रोजेक्ट मेडिकल कालेज के तीव्र गति से निर्माण पर पानी की किल्लत भारी पड़ गई है। पानी न मिल पाने के कारण कालेज भवनों के निर्माण की गति धीमी पड़ गई है। इसका नतीजा है कि 18 माह के इस प्रोजेक्ट की समयावधि अब बढ़ गई है।
पहले इस कालेज को पूरा कराकर इसी वर्ष नवंबर में हैंडओवर करना था लेकिन अब उसकी अवधि बढ़ाकर 18 मार्च 2024 को कर दी गई है। जबकि इसी सत्र से कालेज में अकादमिक सेशन की तैयारी चल रही है। इसके लिए रिक्वायर्ड एरिया तैयार किया जा रहा है। मेडिकल कालेज परिसर में 100 बच्चों के एडमिशन के लिए अकादमिक ब्लाक बनना है। छात्राओं व छात्रों के लिए अलग-अलग हास्टल का निर्माण चल रहा है। कालेज के प्रोफेसरों के लिए चार टाइप के आवास भी बनाए जा रहे हैं। परिसर में डायनिंग ब्लाक, मल्टीपरपज हाल, डायरेक्टर रेजिडेंस, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आदि का कार्य हो रहा है। इन सब कार्यों की गति पानी की कमी के चलते धीमी है। निर्माण से जुड़े अभियंताओं ने बताया कि अभी तक महज 45 प्रतिशत ही कार्य हो सका है।
मरीजों के लिए 120 बेड का अलग भवन
जिला अस्पताल अब मेडिकल कालेज में समाहित हो गया है। जूनियर व सीनियर रेजिडेंट डाक्टर भी तैनात हो गए हैं। अब इस परिसर में मरीजों के त्वरित उपचार के लिए 120 बेड का अलग से भवन बनेगा। इसके बनने से अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा सकेगा।
राजकीय मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य एसके सिंह ने बताया कि मेडिकल कालेज का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है। पानी की समस्या से थोड़ी परेशानी हो रही है। जिला अस्पताल परिसर में स्थित एक बोर सूख गया है। जल्द ही इस समस्या का समाधान कराकर निर्माण तेज कराया जाएगा।