अवेद्यनाथ ने सामाजिक हिदू साधना को भी बढ़ाया आगे
जासं सोनभद्र विश्व हिदू महासंघ के तत्वावधान में गोरखनाथ के पूर्व पीठाधीश्वर स्व. महंत अवैधनाथ की पूर्णतिथि गुरुवार को पटेल सेवा संस्थान बिचपई में मनाई गई। मुख्य अतिथि मीरजापुर विध्याचल मंडल प्रभारी रुद्र कुमार पाठक ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ का जन्म 2
जासं, सोनभद्र : विश्व हिदू महासंघ के तत्वावधान में गोरखनाथ के पूर्व पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि गुरुवार को पटेल सेवा संस्थान बिचपई में मनाई गई। मुख्य अतिथि मीरजापुर विध्याचल मंडल प्रभारी रुद्र कुमार पाठक ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ का जन्म 28 मई 1921 को ग्राम कांडी, जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में राय सिंह बिष्ट के घर हुआ था। बचपन का नाम कृपाल सिंह बिष्ट था और कालांतर में अवेद्यनाथ बनकर राजनेता तथा गुरु गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर बने के रूप में प्रसिद्ध हुए।
उन्होंने बताया कि अवेद्यनाथ ने हिन्दू धर्म की आध्यात्मिक साधना के साथ सामाजिक हिदू साधना को भी आगे बढ़ाया। सामाजिक जनजागरण को अधिक महत्वपूर्ण मानकर हिदू धर्म के सोशल इंजीनियरिंग पर बल दिया। योगी आदित्यनाथ के हिदू युवा वाहिनी जैसे युवा संगठन की प्रेरणा भी कहीं न कहीं इसी सोशल इंजीनियरिग की प्रेरणा रही थी। वे गोरखपुर लोकसभा से चौथी लोकसभा के लिए हिदू महासभा से सर्वप्रथम निर्वाचित हुए थे। इसके बाद नौवीं, दसवीं तथा ग्यारहवीं लोकसभा के लिए भी निर्वाचित हुए। योग व दर्शन के मर्मज्ञ महंतजी के राजनीति में आने का मकसद हिदू समाज की कुरीतियों को दूर करना और राम मंदिर आंदोलन को गति देना रहा है। हिदू धर्म में ऊंच-नीच दूर करने के लिए उन्होंने लगातार सहभोज के आयोजन किए। इसके लिए उन्होंने बनारस में संतों के साथ डोमराजा के घर जाकर भोजन किया और समाज की एकजुटता का संदेश दिया। हिदू समाज की एकता ही उनके प्रवचन के केंद्र में होती थी। वह मूलत: इतिहास और रामचरितमानस का सहारा लेते थे। श्रीराम का शबरी, जटायु, निषादराज व गिरीजनों से व्यवहार का उदाहरण देकर दलित-गरीब लोगों को गले लगाने की प्रेरणा देते रहे। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वाराणसी मंडल प्रभारी राकेश सिंह मौजूद रहे। इसके पहले कार्यकर्ताओं ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश पांडेय ने की। इस मौके पर सुमन सिंह पटेल, ग्राम प्रधान शमसेर सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।