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    जंगली जानवरों के सामने खड़ी हुई पानी की समस्या

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 02 Apr 2021 10:14 PM (IST)

    विढमगंज रेंज के जंगल में स्थित नदी नालों के सूखने से जानवरों को पानी पीने की समस्या खड़ी हो गई है। इस समस्या के चलते जंगली जानवर गांवों की तरफ रुख कर लिए हैं।

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    जंगली जानवरों के सामने खड़ी हुई पानी की समस्या

    जागरण संवाददाता, महुली(सोनभद्र) : विढमगंज रेंज के जंगल में स्थित नदी नालों के सूखने से जानवरों को पानी पीने की समस्या खड़ी हो गई है। इस समस्या के चलते जंगली जानवर गांवों की तरफ रुख कर लिए हैं।

    विढमगंज रेंज के करहिया, जोरकहु, बासिन, बोधाडीह के जंगलों में अभी से नदी नालों के सूखने से जंगली जानवरों को पीने की पानी के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है। भीषण गर्मी के कारण जंगलों में जानवर बेहाल हैं। वे भूख-प्यास से बेहाल गांव-कस्बों की ओर रुख कर रहे हैं। पानी की तलाश में गांव के किनारे बंदरों का झुंड डेरा डाले हैं। उधर पानी न मिलने से भी जंगलों में छोटे-छोटे जीवों की मौत हो रही है। भूख-प्यास से बेहाल हिसक वन्य जीव वन क्षेत्र से सटे गांव-कस्बों में घुस जाते हैं। इसको लेकर ग्रामीणों में दहशत बनी रहती है। गांवों जानवरों के आने से कुछ लोग उनका शिकार भी करते हैं। जंगली जानवरों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही। उपर से गर्मी के दिनों में जंगलों के बीच में पड़ने वाले नदी, नाले व तालाबों के सूखने से बहुत से जानवर प्यास से भी मर जाते हैं। ग्रामीण रमेश कुमार, मुकेश कुमार, प्रमोद कुमार, सतीश कुमार, चंदन कुमार, आलोक कुमार ने बताया कि जंगली जानवरों के लिए शासन की तरफ से जंगलों के अंदर जगह-जगह गड्ढों की खुदाई कर उसमें पानी भर देना चाहिए, जिससे प्यास से तड़प रहे जानवरों को बचाया जा सके। बारिश कम होने से समस्या

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    मुख्य वन संरक्षक मीरजापुर रमेश कुमार झा ने बताया कि इस बार बारिश कम होने के कारण जंगलों में नदी नाले में पानी बहुत कम रह गया है। गर्मी के दिनों में और भी सूख जाएंगे। जंगली जानवरों को पीने के लिए पानी के लिए कोई अलग से बजट नहीं है। फिर भी जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था कराई जाएगी।