Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा चुनाव के साथ UP की इस सीट पर पड़ेंगे विधानसभा के लिए वोट, चुनावी आहट पाते ही सक्रिय हुए दल, सपा प्रत्याशी हो चुका है घोषित

    Updated: Wed, 21 Feb 2024 06:32 PM (IST)

    दुद्धी में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पहले बार भाजपा को जीत मिली थी। इसके कुछ ही समय बाद विधायक रामदुलार गोंड़ पर दुष्कर्म के मामले में 20 वर्ष की सजा हो गयी। विधायक के जेल जाने के बाद से यह सीट खाली थी। चुनाव की आहट मिलते ही राजनीतिक दल विधानसभा में सक्रिय हो गए हैं। समाजवादी पार्टी ने विजय सिंह गोंड़ को प्रत्याशी बनाया है।

    Hero Image
    लोकसभा चुनाव के साथ दुद्धी में पड़ेंगे विधानसभा के लिए वोट

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। लोक सभा चुनाव के लिए राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। लोक सभा चुनाव के साथ दुद्धी विधायक की दुष्कर्म मामले में सजा होने के कारण खाली सीट के लिए मतदान हो सकता है। जिला निर्वाचन विभाग को आयोग ने दुद्धी में विधानसभा चुनाव के तैयारियों को लेकर तैयार रहने का निर्देश दिया है। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को चाक-चौबंद रखने का काम शुरू भी कर दिया गया है। सहायक निर्वाचन अधिकारी जगरूप पटेल ने बताया कि प्रशासनिक तैयारी चल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुद्धी में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पहले बार भाजपा को जीत मिली थी। इसके कुछ ही समय बाद विधायक रामदुलार गोंड़ पर दुष्कर्म के मामले में 20 वर्ष की सजा हो गयी। विधायक के जेल जाने के बाद से यह सीट खाली थी। चुनाव की आहट मिलते ही राजनीतिक दल विधानसभा में सक्रिय हो गए हैं।

    समाजवादी पार्टी ने पहले से ही अपना प्रत्याशी सात बार के दुद्धी से विधायक रहे विजय सिंह गोंड़ को घोषित कर रखा है। राजनीति में सक्रिय लोग संगठन में अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। अब पार्टियां किसको अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ाती हैं, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा।

    रोचक इतिहास रहा है विधानसभा दुद्धी का

    जनपद की यह सीट राजनीति का प्रमुख केंद्र बिंदु है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 2017 में अपना दल प्रत्याशी हरिराम चेरो ने सात बार के विधायक विजय सिंह गोंड़ को हराकर विजय प्राप्त किया था। अगर इस सीट के इतिहास पर गौर करें तो यहां पर 2022 से पहले भाजपा का खाता नहीं खुल सका था। सबसे पहले चुनाव वर्ष 1952 में हुआ था।

    पहले विधायक बनने का गौरव पं. बृजभूषण मिश्रा (ग्रामवासी दद्दा) को मिला। इसके बाद स्व. राम प्यारे पनिका को दो बार व विजय सिंह गोंड़ को इस सीट से सात बार विधायक बनने का आशीर्वाद क्षेत्र की जनता ने दिया। इसके अलावा इस सुरक्षित सीट से किसी अन्य को दोबारा विधायक बनने का गौरव अभी तक किसी ने हासिल नहीं किया है।

    जनसंघ ने एक बार दर्ज की है जीत

    कहने को तो भाजपा से गठबंधन कर अपना दल का विधायक दुद्धी विधानसभा से 2017 व वर्ष 2022 में भाजपा ने जीत हासिल किया, लेकिन सिर्फ भाजपा की बात करे तो प्रदेश के अंतिम विधानसभा सीट पर इससे पहले खाता नहीं खोल पाई थी। हां, इतना जरूर है कि वर्ष 1977 के चुनाव में जनसंघ पार्टी के ईश्वर प्रसाद ने यहां पर जीत प्राप्त की है।

    वर्ष 1952 में पहली बार हुए आम चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर पं. बृजभूषण मिश्रा ने जीत प्राप्त किया। इसके बाद कांग्रेस की ही टिकट पर सन 1957 में राजा बड़हर आनंद ब्रह्म शाह एवं 1962 में स्व. राम प्यारे पनिका ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।

    वर्ष 1967 में अयोध्या प्रसाद, इसके बाद शिवसंपत राम इस क्षेत्र से विधायक बने। वर्ष 1974 में स्व. पनिका ने वापसी कर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के चहेते बन अपनी अच्छी पकड़ बना लिया, लेकिन 1977 के चुनाव में जनसंघ पार्टी के ईश्वर प्रसाद ने उन्हें भारी मतों से हरा कर दुद्धी का विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया।