अर्ध ठोस आहार से लाडला रहेगा स्वस्थ
अगर आपका लाडला शरीर से तो मोटा है लेकिन उसके शरीर में ताकत नहीं है अथवा वह काफी दुबला-पतला है तो उसके लिए अर्ध ठोस आहार काफी अहम हो सकता है। यह आहार आपके घर पर भी आसानी से तैयार होता है। करीब-करीब सभी तरह के पौष्टिक तत्वों की इसमें पर्याप्त मात्रा मिल लाती है। इससे कुपोषण को मात देने में राहत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : आपका लाडला अगर शरीर से तो मोटा है लेकिन उसके शरीर में ताकत नहीं है अथवा वह काफी दुबला-पतला है तो उसके लिए अर्ध ठोस आहार काफी अहम हो सकता है। यह आहार आपके घर पर भी आसानी से तैयार होता है। करीब-करीब सभी तरह के पौष्टिक तत्वों की इसमें पर्याप्त मात्रा मिल लाती है। इससे कुपोषण को मात देने में राहत मिलेगी।
जी हां, अर्ध ठोस आहार वैसे तो करीब-करीब सभी लोग जानते हैं, लेकिन उसकी खासियत और पौष्टिकता के बारे में कम ही लोग जानते हैं। शायद यहीं वजह है कि सामान्य परिवार में अर्ध ठोस आहार को न देकर इधर-उधर की चीजें बच्चों को खिलायी जाती है। जो कई बार नुकसानदेह भी होता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह बताते हैं कि शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए अर्ध ठोस आहार काफी कारगर होता है। यह हर किसी के घर में बड़े ही आसानी से मिल सकता है। इसमें गेहूं, चावल, दाल, दूध, घी आदि में मिलने वाले विटामिन व अन्य पोषक तत्व मिलते हैं। बच्चों के विकास के लिए यह सबसे ज्यादा जरूरी है। इस तरह बनता है अर्ध ठोस आहार
डीपीओ के मुताबिक अर्ध ठोस आहार बनाने की प्रक्रिया बड़ी ही आसान है। बताया कि दूध, रोटी, केला और चीनी मिलाकर उसे मिक्स कर लें। इस तरह से उसे मिक्स करें कि चम्मच पर टेंढ़ा करने पर वह गिरे नहीं। ऐसे में दो साल के बच्चे को चार चम्मच खिलाने से शरीर स्वस्थ रहेगा। उसके बाद इसकी खुराक बच्चों की उम्र के हिसाब से बढ़ाई जा सकती है। इसी तरह दाल, रोटी को एक में मसल लें। उसमें थोड़ा घी या नहीं है तो सरसों या तीसी का तेल मिला लें। यह स्वादिष्ट होने के साथ ही पोषक भी है। आलू मसलकर खिलाने से भी बच्चों में ऊर्जा आती है और वे स्वस्थ होते हैं।
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